बर्मिंघम, भारतीय भारोत्तोलक लवप्रीत सिंह ने भारोत्तोलन के 109 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया है। लवप्रीत ने स्नैच राउंड में कुल 163 किग्रा भार उठाया,वहीं, क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 192 किग्रा भार के साथ दोनों राउंड मिलाकर कुल 355 किग्रा भार उठाया।
कैमरून के जूनियर पेरिकलेक्स नगदजा न्याबेयू ने 361 किलोग्राम की संयुक्त लिफ्ट के साथ स्वर्ण पदक जीता, जिसमें स्नैच श्रेणी में 160 किलोग्राम की सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट और सी एंड जे श्रेणी में 201 किलोग्राम की सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट शामिल थी।
रजत पदक समोआ के जैक हितिला ओपेलोगे को मिला, जिन्होंने 358 किग्रा (स्नैच श्रेणी में 164 किग्रा और सी एंड जे श्रेणी में 194 किग्रा) का संयुक्त भार उठाया था।
लवप्रीत सिंह की शुरुआत शानदार रही। उन्होंने पहले स्नैच प्रयास में 157 किग्रा का ठोस भार उठाया और इसके बाद उन्होंने बढ़त बना ली। उनका दूसरा स्नैच प्रयास 161 किग्रा का था,हालांकि, अपने अंतिम प्रयास में, कनाडा के पियरे-अलेक्जेंड्रे बेसेट ने प्रभावशाली 163 किग्रा भार उठाया, जिससे वह नंबर एक पर पहुंच गए और लवप्रीत नंबर दो पर आ गए।
लवप्रीत ने स्नैच के अपने अंतिम प्रयास में 163 किलो वजन उठाया। पहले स्थान पर समोआ के जैक हितिला ओपेलोगे थे, जिन्होंने अपने अंतिम प्रयास में शानदार 164 किग्रा भार उठाया। कैमरून के जूनियर पेरीलेक्स नगदजा न्याबेयू 160 किलोग्राम भार उठाकर तीसरे स्थान पर रहे।
लवप्रीत ने क्लीन एंड जर्क के अपने पहले प्रयास में प्रभावशाली 185 किग्रा भार उठाया, जिससे उनके शीर्ष स्थान की संभावना मजबूत हुई। इसके बाद उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 189 किग्रा का और भी बेहतर भार उठाया, जिससे उनका संयुक्त भार 348 किग्रा से बढ़कर 352 किग्रा हो गया।
लवप्रीत ने क्लीन एंड जर्क के अपने अंतिम प्रयास में 192 किग्रा का भार उठाया, जिससे उनकी संयुक्त लिफ्ट 355 किग्रा हो गई।
समोआ के ओपेलोगे ने सीएंडजे में अपने पहले प्रयास में 194 किग्रा भार उठाया और कैमरून के जूनियर पेरिलेक्स नगदजा न्याबेयू ने भी अपने पहले प्रयास में 196 किग्रा भार उठाया। दोनों क्रमश: 358 किग्रा और 356 किग्रा की संयुक्त लिफ्ट के साथ पहले और दूसरे स्थान पर थे। लवप्रीत खिसककर तीसरे नंबर पर आ गए।
साभार -हिस