इस्लामाबाद। आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत मुहम्मद जुल्करनैन ने आज (सोमवार) पश्तून तहफुज आंदोलन के नेता अली वजीर और मानवाधिकार वकील इमान हाजिर मजारी को तीन दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभियोजन पक्ष ने देशद्रोह, धमकी और लोगों को उकसाने से संबंधित मामले में 10 दिन के रिमांड की मांग की थी। मगर अदालत ने सिर्फ तीन दिन का पुलिस रिमांड मंजूर किया।
उल्लेखनीय है कि दोनों को कल गिरफ्तार किया गया था। इमान हाजिर मजारी की मां पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की पूर्व नेत्री शिरीन मजारी ने आरोप लगाया था कि पुलिस उनकी बेटी को उठाकर ले गई है। इसके कुछ घंटे बाद पुलिस ने कहा था कि मानवाधिकार वकील इमान को ‘राज्य मामलों में हस्तक्षेप’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इमान की गिरफ्तारी की निंदा की है और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है। संगठन ने इस्लामाबाद पुलिस के इस कृत्य को “अस्वीकार्य” बताया है। संगठन ने सोशल मीडिया में कहा है कि जिस तरह से पुलिस कथित तौर पर बिना किसी वारंट के उनके घर में घुसी, वह अस्वीकार्य है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करने वाले लोगों के खिलाफ राज्य स्वीकृत हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति की तरफ इशारा करता है।