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समाज के विभिन्न घटकों ने किया अभिवादन
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समाजसेवा के साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी योगदान देने को तैयार है कटक मातृशक्ति : विजय खंडेलवाल
कटक. उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के संस्थापक अध्यक्ष सूर्यकांत सांगानेरिया के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सम्पत्ति मोड़ा को बीजू जनता दल का राज्य उपाध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई देते हुए उन्हें पुष्प गुच्छ एवं दुपट्टा के साथ सम्मानित किया.
कोविद गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए सीमित सदस्यों को लेकर आयोजित इस सम्मान समारोह में कटक मारवाड़ी समाज के पूर्व अध्यक्ष विजय खण्डेलवाल ने पुष्प गुच्छ देकर उनका सम्मान किया. विजय खंडेलवाल ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी मातृशक्ति न सिर्फ समाजसेवा के क्षेत्र में आगे आ रही हैं, बल्कि राजनीति के क्षेत्र में भी अब सक्रिय योगदान देने के लिए तैयार हैं.
उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा के अध्यक्ष सुरेश कमानी, सचिव दिनेश जोशी, श्याम बाबा मंदिर के पदाधिकारी अविनाश खेमका, नंदगांव गोशाला के अध्यक्ष कमल सिकरिया, गोपाल बंसल, पदम भावसिंका, टेक्सटाइल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष हनुमान सिंघी, दिनेश जोशी, पवन क्याल, सुभाष केड़िया आदि कई सदस्यों ने सम्पत्ति मोड़ा की सराहना करते हुए उन्हें शॉल एवं पुष्प देकर सम्मानित किया. कोरोना महामारी के कारण समारोह में जो लोग नहीं पहुंच पाए, उनके घर पर भी जाकर बधाई दी और आगामी दिनों में तन-मन-धन से साथ देने का आश्वासन देकर हौसला आफजाई किया.
इस अवसर पर बीजू युवा जनता दल के राज्य सचिव सौम्यदीप एवं अठारह नंबर वार्ड के युवाओं ने भी सम्पत्ति मोड़ा को सम्मानित किया. इसके अलावा अग्रवाल महिला सम्मेलन कटक एवं बीजू महिला जनता दल की महिलाओं ने उनके घर पर आकर सम्मानित किया. इस अवसर पर संपत्ति मोड़ा ने कहा कि आज जिस प्रकार से समाज के हर घटक व हर वर्ग के लोगों ने मेरा सम्मान किया है, उससे समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. उन्होंने आह्वान किया कि देश एवं समाज के सर्वांगीण विकास के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को राजनीति में आना चाहिए. देश के नंबर वन मुख्यमंत्री तथा बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक तथा कटक बीजद के वरिष्ठ नेताओं ने जिस उद्देश्य हमें यह जिम्मेदारी सौपी है, उस पर पूरी निष्ठा के साथ कार्य करूंगी. नवीन पटनायक देश के पहले एवं अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो हर क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका एवं योगदान को सुनिश्चित करा रहे हैं. इससे महिलाओं के आत्मसम्मान में वृद्धि तो हुई है, महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.