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रथयात्रा में केवल सेवायत की खींचेंग रथ, मंदिर प्रशासन के अधिकारियों को रस्सी छूने तक पर होगी पाबंदी

पुरी. पिछले साल की तरह इस साल भी रथयात्रा के दौरान भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा के रथों को केवल सेवायत ही खींचेंगे. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस साल भी ‘दक्षिण मोड’ के लिए सुरक्षाकर्मियों का उपयोग किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि रथयात्रा के दौरान जिला प्रशासन या मंदिर प्रशासन की ओर से किसी को भी रथ खींचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इन अधिकारियों पर रथों की रस्सियों को छूने तक पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. मुख्य प्रशासक ने बताया कि रथयात्रा में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों और सेवायतों का कोविद-19 परीक्षण किया जाएगा. केवल निगेटिव वालों को ही भाग लेने की अनुमति दी जाएगी. जिला प्रशासन की ओर से इनके दूसरे डोज के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम में भाग लेने वालों को सेनिटाइजर, मास्क और तौलिये उपलब्ध कराए जाएंगे.

गर्मी की तपिश को देखते हुए सिंहद्वार, गुंडिचा मंदिर में विश्राम गृह और ग्रांड रोड के दोनों ओर 10 रेस्ट शेड बनाये जायेंगे, जहां ओआरएस, पीने के पानी, शर्बत और रथ खींचने में भाग लेने वालों के लिए प्राथमिक उपचार की सुविधा स्थापित की जाएगी. गुंडिचा मंदिर तक रथों के पहुंचने के बाद सेवायतों को उनके घरों तक छोड़ने के लिए वाहनों की व्यवस्था की जाएगी. भक्तों को रथयात्रा में भाग लेने से रोकने के लिए ग्रांड रोड के दोनों ओर धारा-144 लागू की जाएगी.

 

 

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