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राज्यस्तरीय प्राकृतिक आपदा प्रशमन कमेटी की बैठक
भुवनेश्वर. वर्तमान में ओडिशा में मानसून का प्रभाव शुरू हो गया है. इस कारण जून के माह से अक्टूबर तक का समय ओडिशा के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस समय के दौरान बाढ़ और तूफान आदि प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं. इस कारण सभी संभावित आपदाओं को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार रहे. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशस्तरीय प्राकृतिक आपदा कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को यह निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बारे में पहले से सूचना प्रदान करने की व्यवस्था, राहत और बचाव कार्य, समय पर जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा, प्राणी सेवा आदि सभी व्यवस्थाओं को सही रूप से तैयार रखने की आवश्यकता हैं
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति के लिए ओड्राफ व अग्निशमन विभाग की टीमों को तैयार रखा जाना चाहिए. दूरदराज के इलाके इलाकों में खाद्य पदार्थों को मवेशियों के लिए भोजन आदि रखना जरूरी है. उन्होंने सभी जिले विभागों के नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे खुले रखने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में हमारी नीति यह है कि सभी जीवन मूल्यवान है. इस नीति को लेकर राज्य सरकार काम कर रही है. राज्य सरकार के सभी विभाग संयुक्त रूप से इस लक्ष्य को लेकर कार्य करते हैं. इससे आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि ओडिशा देश में आपदा की दृष्टि में सबसे अधिक प्रभावित होने वाला राज्य है. तूफान बाढ़ सूखा आदि विभिन्न प्रकार के आपदाओं का राज्य नियमित रूप से सामना करता आ रहा है.
इस कार्यक्रम में सांसद चंद्रशेखर साहू, विधायक नरसिंह मिश्र, प्रताप केशरी सिंहदेव शामिल हुए और अपना मत रखा. वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने प्रारंभिक भाषण दिया. विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने धन्यवाद दिया. बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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