पुरी. महाप्रभु श्री जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के अनुष्ठानों और उनको आयोजन के समय को आज अंतिम रूप दे दिया गया है. पुरी में भव्य रथयात्रा के लिए सभी तैयारियां तेजी पर चल रही हैं. रथयात्रा के आयोजन को लेकर आज छत्तीसा नियोग की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें सभी संबंधित अनुष्ठानों और पूरे कार्यक्रम के समय को अंतिम रूप दिया गया.
बैठक में स्नान पूर्णिमा से लेकर नीलाद्री बीजे तक विशेष अनुष्ठान कराने के सभी तौर-तरीकों को मंजूरी दी गई. इसी तरह श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान गुंडिचा यात्रा, बहुड़ा, सोना वेश और अधरपणा अनुष्ठान के आयोजन के कार्यक्रम और समय को भी अंतिम रूप दिया गया.
कोविद-19 मानदंडों को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्था की जाएगी और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा. श्री जगन्नाथ मंदिर के नीति प्रशासक जितेंद्र साहू ने कहा कि सभी सेवायतों ने सभी अनुष्ठानों को सुचारू रूप से करने के लिए एसजेटीए के साथ सहयोग करने का आश्वासन दिया है.
इससे पहले, एसजेटीए ने रथयात्रा में शामिल होने वाले सभी सेवायतों और अन्य लोगों का कोविद परीक्षण (आरटीपीसीआर) करने की घोषणा की थी.
कोविद परीक्षण चार चरणों में आयोजित किया जाएगा. एक स्नान यात्रा से पहले, दूसरा गुंडिचा यात्रा से पहले, तीसरा बाहुड़ा यात्रा से पहले और अंत में नीलाद्री बीजे के 15 दिन बाद.
कोविद-19 महामारी को देखते हुए भक्तों को रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी.
महत्वपूर्ण अनुष्ठान
स्नान पूर्णिमा (24 जून) : सुबह एक बजे से मंगलापर्णा, सुबह 4 बजे तक पहंडी, 11 बजे से हाथी वेश और बाहुड़ा पहंडी शाम 5 बजे से 8 बजे के बीच.
रथयात्रा, गुंडिचा यात्रा (12 जुलाई) : सुबह 8:30 बजे से पहंडी अनुष्ठान, दोपहर 2 बजे छेरा पहंरा और दोपहर तीन बजे से रथों को खींचना शुरू होगा.
बाहुड़ा यात्रा (20 जुलाई) : दोपहर 12 बजे से 2:30 बजे के बीच पहंडी अनुष्ठान तथा शाम 4 बजे से रथों को खींचना शुरू होगा.
सोना वेश (21 जुलाई) : शाम 4 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच
अधरपणा (22 जुलाई) की रस्में रात 8 बजे तक
नीलाद्री बीजे (23 जुलाई) – पहंडी की रस्म शाम चार बजे से शुरू होकर को रात 10 बजे तक पूरी हो जाएगी.