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मयूरभंज के तत्कालीन राजा प्रवीण चंद्र भंजदेव भी हुए शामिल
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परंपरा को कायम रखने का लिया पक्ष
बारिपदा. बारिपदा में द्वितीय श्रीक्षेत्र माने जाने वाले हरिबलदेव जी मंदिर में रथयात्रा की अनुमति की मांग को लेकर विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने एक रैली निकाली.
मुख्य मंदिर से निकलकर मौसी मां मंदिर तक इस रैली में सभी उम्र, जाति और समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया. मुख्य मंदिर को मौसी मां मंदिर से जोड़ने वाली सड़क पर सेवायत और स्थानीय बुद्धिजीवियों सहित लोगों ने तख्तियां और बैनर लिए रैलियां निकालीं और घंटा और शंख बजाकर अपनी मांगों के प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया.
प्रदर्शनकारियों ने कोविद प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए मानव श्रृंखला बनाकर रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए मंदिर को फिर से खोलने की मांग की.
इस रैली में मयूरभंज के तत्कालीन राजा प्रवीण चंद्र भंजदेव भी शामिल थे. उन्होंने शहर में रथयात्रा निकाले जाने का पक्ष लिया तथा कहा कि यहां 1575 से स्थानीय निवासियों के लिए यह एक परंपरा रही है.
बारिपदा रथयात्रा उत्सव की खास बात यह है कि महिलाएं देवी सुभद्रा का रथ खींचती हैं.
उल्लेखनीय है कि ओडिशा सरकार ने हाल ही में पुरी धाम को छोड़कर राज्य के किसी भी अन्य स्थान पर रथ यात्रा उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया है.