Home / Odisha / दक्षिण पश्चिम मानसून ने ओडिशा में दिया दस्तक, कई हिस्सों में बारिश हुई
मौसम

दक्षिण पश्चिम मानसून ने ओडिशा में दिया दस्तक, कई हिस्सों में बारिश हुई

  • 13 जून के बीच राज्य में लगातार बारिश की भविष्यवाणी, अलर्ट जारी

भुवनेश्वर. दक्षिण पश्चिम मानसून ने आज ओडिशा में दस्तक दे दिया है. दक्षिण ओडिशा के कई हिस्सों में बारिश हुई. आमतौर पर 10 जून के दौरान ओडिशा पहुंचने वाले मानसून ने इस साल भी सामान्य शुरुआत की है. बंगाल की खाड़ी पर बने कम दबाव के क्षेत्र के मद्देनजर 10 से 13 जून के बीच राज्य में लगातार बारिश की भविष्यवाणी आईएमडी ने की है.

आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि ने कहा कि मानसून ने आज राज्य के कुछ हिस्सों को दस्तक दे दिया है. इसके प्रभाव के तहत दक्षिण ओडिशा और बलांगीर के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा हुई. मानसून की प्रगति अनुकूल रही है और इस साल ओडिशा में सामान्य वर्षा होने की संभावना है. राज्य में जून में सामान्य से अधिक बारिश होगी.

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने पहले सभी कलेक्टरों और नगर आयुक्तों को 10 से 14 जून के बीच आईएमडी द्वारा भविष्यवाणी की गई भारी बारिश से पहले एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि नदियों, नाले और जलाशयों में अचानक बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. लगातार बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो सकता है. एसआरसी ने कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निचले इलाकों में जलभराव होने की संभावना है.

विकास आयुक्त-सह-विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने एक पत्र जारी कर सभी कलेक्टरों और नगर आयुक्तों को निर्देश दिया कि वे राज्यभर में बहुत भारी बारिश के मद्देनजर अचानक बाढ़, भूस्खलन, जलजमाव और किसी भी अन्य घटना जैसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें. इस अवधि के दौरान जान-माल की किसी भी तरह की क्षति को रोकने के लिए एसआरसी कार्यालय ने एहतियाती उपाय जारी किया है.

सलाह में कहा गया है कि बाढ़/आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी कार्यालयों के नियंत्रण कक्षों को पर्याप्त जनशक्ति के साथ चौबीसों घंटे काम करना चाहिए. यह 24×7 आधार पर एक जिम्मेदार अधिकारी के अधीन होना चाहिए. पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना सहित किसी भी घटना से निपटने के लिए फील्ड स्तर के पदाधिकारियों को तैयार रहना होगा. भूस्खलन की आशंका वाले जिलों के जिला प्रशासन को नुकसान को रोकने के लिए विशेष एहतियाती कदम उठाने होंगे और जरूरत पड़ने पर संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने की व्यवस्था करनी होगी. कच्चे घरों/झोपड़ी और निचले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए सभी चक्रवात और बाढ़ आश्रयों को हर तरह से तैयार रखा जाना चाहिए. प्रभारी इंजीनियर तटबंधों पर विशेष रूप से नदियों/नहरों में कमजोर/संवेदनशील बिंदुओं पर कड़ी नजर रख सकते हैं.

रणनीतिक स्थानों पर बाढ़ से लड़ने की सामग्री तैयार रखी जा सकती है. किसी भी तरह की स्थिति, सड़कों की क्षति को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जा सकती है. बाढ़/वर्षा जल के मुक्त प्रवाह के लिए जल निकासी चैनलों को साफ करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने हैं. शहरी स्थानीय निकायों को जलजमाव की संभावना वाले क्षेत्रों से पानी निकालने की अग्रिम व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. स्थानीय अग्निशमन कर्मियों को आवश्यकता पड़ने पर खोज, बचाव और राहत कार्यों के लिए नाव और अन्य उपकरणों के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया जा सकता है.

संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक यातायात आवाजाही को प्रतिबंधित किया जा सकता है. कोविद-19 महामारी के दौरान लोगों को निकालना एक बड़ी चुनौती है. यदि निकासी की आवश्यकता है, तो लोगों को निकालने और आश्रय के दौरान सामाजिक दूरी, मुंह और नाक को ढंकने वाले मास्क का उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है. आश्रयों में रखे गए लोगों के लिए मुफ्त रसोई, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं के माध्यम से पका हुआ भोजन की व्यवस्था की जानी चाहिए. संभावित बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए पर्याप्त खाद्य सामग्री जैसे चावल, चूड़ा, गुड़ आदि का स्टॉक करने की आवश्यक व्यवस्था की जाए.

मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह

मछुआरों को 11 से 14 जून तक गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी गयी है. गहरे समुद्र में रहने वालों को तत्काल तट पर लौटने की सलाह दी जाती है. किसानों को उनकी खड़ी फसलों की सुरक्षा के लिए सलाह देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं.

जिन परिवारों के घर बाढ़/भारी बारिश में क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, उन्हें अस्थायी आश्रय सामग्री (पॉलीथिन शीट) उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जाएं. मोबाइल स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा टीमों को अग्रिम रूप से संगठित किया जा सकता है और प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए तैयार रखा जा सकता है. पशुओं के लिए पर्याप्त चारा की व्यवस्था की जानी चाहिए. दैनिक वर्षा की रिपोर्ट को तत्काल अद्यतन करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए. बिजली, दूरसंचार, सड़क आदि आवश्यक सेवाओं की तत्काल बहाली की व्यवस्था होनी चाहिए. स्थानीय पुलिस को बाढ़ जोखिम वाली सड़कों/क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए जा सकते हैं.

 

Share this news

About desk

Check Also

डिवाइन कनेक्शन गायत्री महायज्ञ आयोजित

अद्यंत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का वार्षिकोत्सव मना भुवनेश्वर। अद्यंत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भुवनेश्वर ने “डिवाइन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *