भुवनेश्वर. कमिश्नरेट पुलिस ने नाबालिग बच्चों के लापता होने और अपहरण से संबंधित मामलों से निपटने के लिए राजधानी शहर में माइनर किडनैपिंग एंड मिसिंग सेल नामक एक विशेष प्रकोष्ठ शुरू की है. इसका नेतृत्व एसीपी रैंक का एक अधिकारी करेंगे, जिसमें एक निरीक्षक और दो उप-निरीक्षक इसके सदस्य होंगे. डीसीपी उमाशंकर दास ने कहा कि लॉकडाउन प्रतिबंधों के हटने के साथ ही सेल अधिक सक्रिय रूप से कार्य करेगा.
विशेष प्रकोष्ठ का शुभारंभ विभिन्न पुलिस थानों में लंबित बच्चों के लापता होने और अपहरण के सैकड़ों मामलों के मद्देनजर किया गया है. कमिश्नरेट पुलिस के तहत विभिन्न थानों में 800 से अधिक नाबालिग गुमशुदगी के मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा कि एक समीक्षा के दौरान हमने पाया कि लगभग 800 नाबालिग लड़कियों के लापता होने के मामले विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज किए गए हैं. इनके अलावा कई बार गुमशुदगी, अज्ञात शव की रिपोर्ट भी दर्ज कराई जा चुकी है. हमने इन मामलों से निपटने के लिए एक एसीपी, एक इंस्पेक्टर और दो सब-इंस्पेक्टरों वाली एक विशेष सेल शुरू की है. सेल पहले ही राज्य के विभिन्न स्थानों से 30 नाबालिग लड़कियों को बचा चुकी है. सेल का उद्देश्य कोविद महामारी के बाद शिक्षण संस्थानों में जागरूकता पैदा करना भी है. लापता बच्चों को बचाने के लिए ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने भी विशेष अभियान चलाया है.