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बड़ों के संपर्क से बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा

  • परिवार के बुजुर्ग लोग रहें बहुत सतर्क, मास्क पहनें और नियमित रूप से हाथ धोएं

  • बच्चों में बुखार, खांसी, नाक बहना और सिरदर्द कोरोना के सामान्य लक्षण – प्रो विस्वाल

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

बड़ों के संपर्क में आने से ही बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है. ऐसी स्थिति परिवार के बुजुर्ग लोग भी बहुत सतर्क रहें तथा मास्क पहनें और नियमित रूप से हाथ धोएं. कोविद-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान पहली लहर की तुलना में अधिक संख्या में युवा प्रभावित हुए हैं. अब, कोविद की संभावित तीसरी लहर में यह बहुत संभावना है कि बच्चे बड़ी संख्या में प्रभावित हो सकते हैं.

कीम्स, भुवनेश्वर के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ प्रो सेबा रंजन विस्वाल ने कहा कि म्यूटेशन के बाद कोरोना वायरस की संक्रमण दर बढ़ जाती है. इसलिए तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की संभावना जतायी जा रही है. इसके अलावा अभी तक बच्चों के लिए टीके उपलब्ध नहीं हैं, जो उनके संक्रमण की संभवना का एक और कारण हो सकता है.

कोरोना वायरस के विकसित होने अवधि 2 दिन से 14 दिन तक है. कोविद-19 में औसत यह अवधि 5 दिन है. बच्चों के मामले में आंखों की लाली और पेट में दर्द इसके प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं. हालांकि एक अच्छी बात यह भी होगी कि बच्चे स्वस्थ होते हैं और उनके सभी अंग अच्छी तरह से काम करते हैं. इसलिए बच्चों को संक्रमित होने पर भी उनको ज्यादा खतरा नहीं है. प्रोफेसर विस्वाल ने कहा कि आमतौर पर परिवार के वरिष्ठ सदस्य ही बच्चों को संक्रमित करते हैं, क्योंकि वे बाहर जाते हैं और आने के बाद घर में रहते हैं. परिवार के बुजुर्ग लोग बहुत सतर्क रहें और मास्क पहनें और नियमित रूप से हाथ धोएं. उन्होंने कहा कि बुखार, खांसी, नाक बहना और सिरदर्द बच्चों में कोविद के सामान्य लक्षण हैं.

कोविद से संक्रमित लगभग 50 से 60 प्रतिशत बच्चे संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं. ऐसे मामलों में होम आइसोलेशन में निगरानी के अलावा किसी इलाज की जरूरत नहीं है. फिर हल्के मामले आते हैं, जिसमें पेरासिटामोल जैसी मामूली दवा घरेलू संगरोध के साथ काम करती है.

उन्होंने कहा कि बच्चों में मध्यम मामलों में ऑक्सीजन लेवव 94 से नीचे चली जाती है. इन मामलों में बच्चे को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है. गंभीर मामलों के लिए आईसीयू में भर्ती करना बहुत आवश्यक है. माता-पिता को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि बच्चे बेवजह घरों से बाहर न निकलें.

पांच साल से ऊपर के बच्चों के लिए मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस उम्र से कम कोविद से प्रभावित बच्चों के लिए मास्क पहनना उचित नहीं है. एक बच्चा होम आइसोलेशन में है तो वयस्कों को देखभाल करने की जरूरत है. प्रो विस्वाल ने कहा कि स्तनपान कराने के दौरान मां को बहुत सावधान रहने की जरूरत है.

 

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