संबलपुर: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एमसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री पीके सिन्हा ने प्रकृति में संतुलन स्थापित करने, धरती पर हरित आवरण बढ़ाने हेतु बल दिया।
इस अवसर पर एमसीएल मुख्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में पर्यावरण ध्वजारोहण कर सीएमडी महोदय ने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मियों को शपथ दिलायी। अनुगूल, झारसुगुड़ा व सुंदरगढ जिले में स्थित एमसीएल के परियोजना क्षेत्रों के क्षेत्रीय महाप्रबंधकों व वरिष्ठ अधिकारियों वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
सिन्हा ने यह भी कहा कि एमसीएल पर्यावरण संरक्षण प्रति सचेत एवं संवेदनशील है तथा सतत खनन पद्धतियों का अध्यवसायपूर्वक पालन करते हैं। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली, प्रभवी जैव सुधार, जल का समुचित उपयोग, उत्पादन के महत्व पर विशेष बल दिया जा रहा है।
1992 में अपनी स्थापना के दिनों से ओडिशा के अपने कोयलाचंल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में 61.5 लाख पौधे लगाए गये हैं तथा एमसीएल चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 1.50 हेक्टर क्षेत्र पर 2.7 लाख पेड़ लगाने की योजना बनाई है।
सिन्हा ने अपने संदेश में कहा कि विश्व को अभी कोविद-19 महामारी के चंगुल से उभरने के लिए पारिस्थितिक तंत्र की पुर्नद्धार करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली आजीविका की रक्षा व सुधार में मदद कर सकती है, बीमारी को नियंत्रित कर सकती है, प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को कम कर सकती है और 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि में योगदान कर सकती है। सिन्हा ने कहा कि एमसीएल पर्यावरण संरक्षण प्रति सचेत एवं संवेदनशील है तथा सतत खनन पद्धतियों का अध्यवसायपूर्वक पालन करते हुए पर्यावरण की रक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस शपथ ग्रहण समारोह व वृक्षारोपण कार्यक्रम में एमसीएल के ओपी सिंह, निदेशक (तकनीकी/ संचालन), केआर वासुदेवन, निदेशक (वित्त), केशव राव, निदेशक (कार्मिक) और बबन सिंह, निदेशक (तकनीकी /परियोजनाएं और योजना), पीके पटेल, मुख्य सतर्कता अधिकारी और विभागाध्यक्षों, महाप्रबंधकगण, वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों आदि उपस्थित हुए।
पर्यावरण के अनुकूल खनन प्रौद्योगिकी सरफेस माइनर्स के माध्यम से रिकॉर्ड 94% प्रतिशत कोयले उत्पादन यानी 139 मिलियन टन से अधिक का कोयला उत्पादन करने तथा ईको- प्रेण्डली रेल-मोड के माध्यम से बिजली संयंत्रों को 79% यानी 115 मिलियन टन शुष्क ईंधन की आपूर्ति की।
कंपनी कोयला खनन और प्रेषण कार्यों में नई तकनीकों अपनाते हुए सक्रिय रूप से प्रगति कर रही है। एफएमसी परियोजनाओं के माध्यम से स्वचालित प्रेषण, पाईप व बेल्ट कन्वेयर, ब्लाट-लेश टेक्नोलॉजी के माध्यम से ओवर बर्डन हटाने का कार्य कर रही है।
एमसीएल ने पहली बार साऊथ बलण्डा खुली खदान परियोजना में 63 हेक्टेयर क्षेत्र में 14.57 मिलियन घन मीटर फ्लाई ऐश भरकर जमीन का पुर्नद्धार कार्य किया है। इसके अलावा, तालचेर के बलण्डा परित्यक्त खदानों को अब ईको-पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।
एमसीएल अपने खदानों में वायु गुणवत्ता की निरंतर निगरानी के लिए कोयला क्षेत्रों में ग्यारह (11) सतत परिवेश वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (सीएएक्यूएमएस) स्थापित की है।
कंपनी ने धूल नियंत्रण करने के लिए 15 मोबाइल और 31 फिक्स्ड “फॉग कैनन” का एक बेड़ा, 28 केएल वाटर स्प्रिंकलर पर तीन रोबोटिक नोजल रेट्रो-फिटेड, चार मैकेनिकल रोड स्वीपर की मौजूदा प्रणाली के साथ पर्याप्त रूप से धूल नियंत्रण के लिए तीन व्हील वाशिंग सिस्टम चालू किए गए हैं। 435 फिक्स्ड वाटर स्प्रिंकलर और 62 नंबर 28केएल मोबाइल वाटर स्प्रिंकलर कार्य पर लगाए गये हैं।
कोल इंडिया लिमिटेड की अग्रणी ससहायक कंपनी एमसीएल ने देश की दूसरी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है जौ कि ओडिशा में सीएसआर के तहत सबसे अधिक योगदान देती है।
इसके उपारान्त निदेशक (कार्मिक) श्री केशव राव ने कोल इण्डिया के अध्यक्ष महोदय का पर्यावरण दिवस संदेश को पढ़कर सुनाया।
महाप्रबंधक(पर्यावरण व वन ) श्री नीरज कल्ला ने अतिथियों का स्वागत ऊर्जा और पर्यावरण के प्रतीक के रूप में वृक्ष प्रदान कर अपना स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
कोविद-19 के खिलाफ लड़ने के लिए एमसीएल के कर्मियों को मास्क और सैनिटाइज़र वितरित किए गए। पर्यावरण और वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के पूर्ण सहयोग से उक्त कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। वरिष्ठ प्रबंधक(पर्यावरण)श्री डी के खण्डा ने इस कार्यक्रम को संचालन किया व आभार प्रकट करने के उपरात कार्यक्रम संपन्न हुआ।