शैलेश कुमार वर्मा, कटक
विश्व पर्यावरण दिवस पर अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलल कटक सृजन शाखा की अध्यक्ष ज्योति खंडेलवाल ने अपने विचार रखते हुए पर्यावरण का क्या महत्व है, उसके बारे में जानकारी दी. ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि प्राणी जीवन का आधार पेड़ पौधे हैं. ये मनुष्य जीवन को आहार और पोषण प्रदान करते हैं. पूरा वनस्पति जगत मानव जीवन के श्वसन तंत्र का कार्य करता है. कोरोना महामारी ने एक-एक सांस की कीमत का परिचय दिया है. एक ऑक्सीजन सिलिंडर जो केवल 2 से 3 घंटे चलता है, उसकी कीमत हजारों में है. वहीं जीवनभर के लिए ऑक्सीजन पेड़ पौधे से प्राप्त कर मानव करोड़ों रुपये की संपदा प्राप्त करता है, परंतु विकास की अंधी दौड़ में आगे बढ़ने की होड़ में मानव ने इन्हीं पेड़ पौधे को कटाई करनी शुरू कर दी. वह पेड़ पौधों को जमीन घेरने वाला मानता है. प्रकृति विरुद्ध पेड़-पौधे उगाकर को वह खुद को निर्माता समझने की भूल कर बैठा. वनों को काट कर स्वयं अपनी ऑक्सीजन खत्म करने का स्वयं कारण बना. कोरोना काल ने मानव को महसूस करा दिया कि उसने पेड़-पौधों की जड़ें नहीं काटी, बल्कि अपने खुद के श्वसनतंत्र की जड़ें काट दी है. प्रकृति चक्र के विनाश से बाढ़, सूखा, गर्मी, अकाल और महामारी के रूप अभिशाप मिलता है. हमें यह समझना होगा कि इस चक्र में पेड़-पौधे भी उतने आवश्यक है, जितने की हम आज रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी देखी जा रही है. मानव शरीर में ये कैसी कमी आ गई कोई पास में बैठे छींक दे तो दूसरे इंसान को भी जुखाम हो रहा है. हमें यह मानना होगा मानव जीवन की जड़े पेड़ पौधे में ही निहित है. इनका संरक्षण हमारे जीवन को बनाए रख सकता है. हमें पेड़ पौधे को काटना तो दूर अब हमें दुगनी रफ़्तार से पौधरोपण करना होगा. इस क्षति की भरपाई करने के लिए इनका संरक्षण करके हमें खुद जीवन की रक्षा करनी होगी. इसी के साथ हम सब संकल्प लें कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए सब मिलकर पौधे लगायें.