सुधाकर कुमार शाही, कटक
ओडिशा उच्च न्यायालय ने कटक नगर निगम (सीएमसी) को शहर के सभी 74 कल्याण मंडपों का निरीक्षण करने और यह जांचने का निर्देश दिया है कि क्या ये 23 दिसंबर, 2019 के उसके पहले के आदेश के अनुसार संशोधित नियमों के अनुपालन में हैं या नहीं.
मुख्य न्यायाधीश डॉ एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति सावित्री राठो की उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ ने सोमवार को एक ई वेंकट राव द्वारा दायर जनहित याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया.
अदालत ने 16 मार्च, 2021 के पहले के आदेश में निर्देश दिया था कि सीएमसी को 2 दिसंबर, 2019 और 23 दिसंबर 2019 के आदेशों के अनुपालन के सवाल पर एक हलफनामे के रूप में एक अप-टू-डेट स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी होगी.
23 दिसंबर, 2019 के उक्त आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जो मंडप नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें एक जनवरी, 2020 से संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
तत्पश्चात, उक्त आदेश में कुछ शर्तों को शामिल किया गया है, जिसमें केवल उन्हीं कार्यों की अनुमति दी गई है, जिनके लिए बुकिंग पहले ही की जा चुकी थी.
कल्याण मंडप एसोसिएशन, कटक सिटी के सचिव अभिषेक सिंह ने 19 अप्रैल, 2021 को एक हलफनामे के माध्यम से दावा किया कि पुलिस द्वारा 74 मंडपों को नवीनीकरण के माध्यम से अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए हैं.
हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह का नवीनीकरण संशोधित नियमों के विपरीत है? अदालत ने कहा कि विशेष रूप से, सीएमसी यह पता लगाएगी कि क्या ऐसे मंडपों द्वारा बनाए गए रजिस्टर 23 दिसंबर, 2019 की कट-ऑफ तिथि के बाद की गई किसी भी बुकिंग को दर्शाते हैं.
अदालत ने मामले को 18 अगस्त के लिए सूचीबद्ध करते हुए सीएमसी को अगली तारीख तक 74 मंडपों के संबंध में इस तरह के निरीक्षण की रिपोर्ट अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर पेश करने का निर्देश दिया है.
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