बारिपदा. ओडिशा में एक बार फिर कोविद अस्पताल का कुप्रबंधन सामने आया है. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. बारिपदा कोविद अस्पताल में कथित तौर पर कुप्रबंधन और लापरवाही दिखाने वाले वीडियो और तस्वीरों ने व्यवस्था पर अंगुली उठायी है. वीडियो और तस्वीरों में दिखाया गया है कि कुछ मरीज अस्पताल के बिस्तर और तो फर्श पर लेटे हुए हैं. बहुतों के शरीर पर बहुत कम या कोई कपड़ा नहीं है. उनकी देखभाल के लिए कोई नर्स या डॉक्टर नहीं हैं.
एक परिचारक ने सुचारू कोविद प्रबंधन के सरकारी दावों पर सवाल उठाते हुए बारिपदा अस्पताल में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है, जहां उसने कुछ दिनों पहले अपने एक रिश्तेदार को खो दिया था.
23 मई को कोविद के कारण अपने रिश्तेदार को खोने वाले विभुदत्त दास ने आरोप लगाया कि कोई नर्स या डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों को लावारिस छोड़ दिया जाता है. उनमें से कई जमीन पर लेटने को मजबूर हैं. उनमें से कुछ को शौचालय के सामने सोते हुए भी देखा जाता है. मरीजों को चादर, तकिए नहीं दिए जाते. यहां ऑक्सीजन सेवाएं एक सपने जैसी लगती हैं. उन्होंने कहा कि कुछ मरीज बेड पर अर्ध-नग्न अवस्था में लेटे हुए भी दिखाई दे रहे हैं. दास ने पूछा कि कोविद रोगियों पर बड़ी राशि खर्च करने का दावा किया गया है. पैसा कहां है? उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कोविद अस्पताल में चिकित्सा लापरवाही और घोर कुप्रबंधन के कारण ही मरीजों की मौत हो रही है. मयूरभंज जिले के पलाबनी निवासी दास ने कहा कि उन्होंने 22 मई को अपने रिश्तेदार को कोविद अस्पताल में भर्ती कराया था. एक दिन बाद उनके परिवार के सदस्यों को अस्पताल से फोन आया कि मरीज ने वायरस से दम तोड़ दिया.
कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कोविद उपचार केंद्र में आपत्तिजनक दृश्य दिखाने वाली वीडियो क्लिप वायरल हो गई.
इधर, जिला प्रशासन ने अस्पताल में हो रही घटनाओं के बारे में अनभिज्ञता व्यक्त की और आरोपों को खारिज किया. जिलाधिकारी विनीत भारद्वाज ने कहा कि अगर कोई आरोप हमारे संज्ञान में आता है, तो हम तुरंत जांच करते हैं. हम जल्द ही कोविद अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे ताकि हम अंदर की गतिविधियों पर नजर रख सकें. जहां तक मुझे जानकारी है, सभी कोविद केयर सेंटर और अस्पताल सुचारू रूप से काम कर रहे हैं.