भुवनेश्वर. राज्य सरकार अब जनगणना के साथ-साथ ओबीसी व एसईबीसी गणना करने के लिए केन्द्र सरकार से सिफारिश की है, लेकिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को इस बात का उत्तर देने होगा कि सत्ता में आने के 20 साल बाद भी उन्होंने ओबीसी कमिशन का गठन क्यों नहीं किया है. भाजपा के प्रदेश महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. हरिचंदन ने कहा कि संविधान में पिछडे वर्ग के लोगों को नियुक्ति व शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण देने का अधिकार राज्य सरकार को दिया है. राज्य सरकार व मुख्यमंत्री ने इस अधिकार को लागू नहीं किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछड़ा आयोग शुरू नहीं किया है. यदि राज्य सरकार वास्तव में पिछड़े वर्ग का विकास चाहती है तो कम से कम ओबीसी आयोग का गठन उसे करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में ओबीसी वर्ग के लिए शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है, लेकिन बीजद सरकार 20 साल सत्ता में रहने के बाद भी इसे लागू नहीं किया है. उन्होंने कहा कि 20111 में केन्द्र सरकार ने सामाजिक व आर्थिक जनगणना की सूची आयी थी उस पर राज्य सरकार संतुष्ट नहीं थी. राज्य सरकार ने उस सूची को बार-बार संशोधन करने की मांग की व संशोधन भी करवाया. इस पत्रकार सम्मेल में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सुदीप्त राय व उमाकांत पटनायक भी उपस्थित थे.
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