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उमेश खंडेलवाल, नीलकमल बेंगानी और राजकुमार मिश्र ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
कोरोना महामारी में एक से बढ़कर एक मानवीय चेहरा उभर कर सामने आ रहे हैं. एक ऐसा ही मानवीय चेहरा पेश करते हुए एक महान मिसाल कायम किया है ओडिशा के चार साथियों ने. इन साथियों ने अपने-अपने स्तरों पर प्रयास करके कर्नाटक में अस्पताल में गंभीर एक साथी के भाई की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है. यह मिसाल कायम करने वाले प्रमुख दोस्त हैं चिरपरिचित युवा समाजसेवी उमेश खंडेलवाल, अणुव्रत समिति, भुवनेश्वर के कार्यकारी अध्यक्ष नीलकमल बेंगानी और गवर्मेंट एविएशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (गति), बीपीआई के प्रमुख इंजीनियर राजकुमार मिश्र.
इनकी सेवा की शुरुआत उस समय हुई है, जब राजकुमार मिश्र के मित्र ने दिल्ली से फोन किया कि उनका भाई कर्नाटक के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती है. उसकी हालत गंभीर है. उसे वहां एक आवश्यक इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. उन्होंने मिश्र से आग्रह किया कि वह ओडिशा में इंजेक्शन की उपलब्धता को देखते हुए मदद करें. इसके बाद मिश्र ने दवा की खोज के बीच अपने एक साथी के जरिये भुवनेश्वर के युवा समाजसेवी उमेश खंडेलवाल और अणुव्रत समिति भुवनेश्वर के अध्यक्ष नीलकमल बेंगानी से संपर्क साधा. फिर इसके बाद अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती मित्र के भाई आनंद प्रताप सिंह को बचाने की मुहिम शुरू है.

युवा समाजसेवी उमेश खंडेलवाल ने वहां के स्वास्थ्य मंत्री से संपर्क साधा तथा यथाशीघ्र आवश्यक दवा की आपूर्ति कराने का आग्रह किया. स्वास्थ्य मंत्री ने इस आग्रह को गंभीरता से लिया तथा यथाशीघ्र दवा इधर, नीलकमल बेंगानी ने अपने एक अन्य साथी की मदद से दवा की उपलब्धता का पता लगाने और यथाशीघ्र अस्पताल में पहुंचाने को लेकर प्रयास किया. चूकी यह दवा सरकार की निगरानी में आपूर्ति की जा रही है, ऐसी स्थिति में राजकुमार मिश्र ने अपने एक साथी के साथ मिलकर अस्पताल प्रशासन के साथ लगाता संपर्क बनाये रखा, ताकि दवा आपूर्ति की प्रक्रिया में लापरवाही न हो. अंत में सभी साथियों का संयुक्त प्रयास रंग लाया और आज कोरोना संक्रमित आनंद प्रताप सिंह स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. आज इन साथियों की मेहनत कोरोना के इस महासंकट में दूसरों के लिए प्रेरणायदक बनकर उभरी है.
इधर, उमेश खंडेलवाल ने कहा कि यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम इस संकट में एक-दूसरे का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि इसमें हमने बड़ा काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे सेवा करने का अवसर मिला. खंडेलवाल ने लोगों से अपील की कि इस संकट में जितना हो सकता है उतना एक-दूसरे की सेवा करें. सेवा भाव को जगाये रखें. उन्होंने कहा कि सेवा के लिए सिर्फ पैसा आवश्यक नहीं है. आप शरीर से भी सेवा कर सकते हैं. आप लोगों का मनोबल बढाकर भी सेवा कर सकते हैं. बाकी सबकुछ भगवान के हाथ में है. हमें अंतिम समय तक धैर्य, साहस के साथ प्रयास करते रहा है. उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी में उमेश खंडेलवाल 1.20 लाख लोगों को भोजन वितरण कर चुके हैं और अभी ऑक्सीजन सिलिंडर एव ऑक्सीजन कन्संट्रैटर मशीन निःशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं.

इधर, अणुव्रत समिति भुवनेश्वर के कार्यकारी अध्यक्ष नीलकमल बेंगानी के कहा कि वह दोस्त क्या, जो काम न आये. उन्होंने कहा कि जीवन-मरन भगवान के हाथ में है. हमें सिर्फ प्रयास करते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना एक परीक्षा का समय है. हम सभी को मिलकर, साथ रहकर और एक-दूसरे का सहयोग करके यह परीक्षा पास करनी होगी. हमें अपने धैर्य को बनाये रखना होगा. सहयोग का हाथ बढ़ाये रखना होगा. बेंगानी लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने का भी आह्वान किया.

इधर, राजकुमार मिश्र ने साथी की जान बचाने में सहयोग के लिए सभी सहयोगी साथियों के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हम किसी के काम आ सके.
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