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ओडिशा में चक्रवात यश से निपटने की तैयारियां शुरू

  • एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवा महानिदेशालय, होम गार्ड्स एंड सिविल डिफेंस, ओडिशा के अधिकारियों के साथ हुई चर्चा

  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर पेयजल, बिजली आपूर्ति, संचार सुविधाओं आदि की आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

बंगाल की खाड़ी में बनने वाले संभावित चक्रवात यश से निपटने को लेकर ओडिशा में तैयारियां शुरू हो गयी हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देशानुसार कदम उठाये जा रहे हैं. यह जानकारी विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी), ओडिशा, प्रदीप कुमार जेना ने गुरुवार को देते हुए कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कल 25 मई तक बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर एक संभावित चक्रवाती तूफान के बनने की भविष्यवाणी की थी, जो उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है और 26 मई के आसपास तटीय क्षेत्रों को छू सकता है. हालांकि  लैंडफॉल का सटीक स्थान अभी पता नहीं चल पाया है.

जेना ने कहा कि जहां मीडिया घराने दुनिया भर की विभिन्न एजेंसियों की भविष्यवाणियों की रिपोर्ट कर रहे हैं, वहीं ओडिशा के लोगों को आईएमडी की भविष्यवाणी पर भरोसा करना चाहिए, जो सटीक साबित हुई है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश पर बुधवार से चक्रवात से निपटने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवा महानिदेशालय, होम गार्ड्स एंड सिविल डिफेंस, ओडिशा के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई. उनकी जनशक्ति और उपकरणों की उपलब्धता के आकलन के बाद एक तैनाती योजना तैयार की जाएगी.

इसी तरह से ओडिशा के 10 तटीय जिलों के कलेक्टरों, एसपी, अग्निशमन अधिकारियों और आपातकालीन अधिकारियों के साथ चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि उन्हें कोविद-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चक्रवाती तूफान के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है.

चक्रवात के बाद पेयजल, बिजली आपूर्ति, संचार सुविधाओं आदि की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जनशक्ति और मशीनरी की आवश्यक तैनाती को लेकर आज सभी संबंधित विभागों के सचिवों के साथ एक तैयारी बैठक की गई.

उन्होंने बताया कि अपनी आजीविका के लिए समुद्र पर निर्भर रहने वाले मछुआरों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. जो मछुआरे पहले से ही समुद्र में हैं, उनकी सूची तैयार की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 22 मई से पहले उन्हें सुरक्षित वापस लाया जा सके.

साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य विभागों ने भी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. एसआरसी ने मीडिया से अनुरोध किया कि वे चक्रवात से संबंधित खबरों की रिपोर्टिंग में सावधानी बरतें और जिम्मेदार हों, ताकि नागरिकों में घबराहट की स्थिति देखने को न मिले और जमाखोरी तथा आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी न हो सके.

उन्होंने आगे कहा कि यह अभी भी संदेह का विषय है कि मौजूदा सिस्टम तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदलेगा या नहीं. आईएमडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार नागरिकों को अपडेट के बारे में सूचित किया जाएगा.

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