कटक. अक्षय तृतीया के पावन अवसर, भगवान परशुराम जी का प्राकट्य दिवस, मां गंगा का धरती पर अवतरण दिवस एवं कृष्ण-सुदामा का तथाकथित मिलन दिवस के पवित्र दिवस पर कटक के चौद्वार के निकट मंगराजपुर के पास बेरना गांव में स्थित नंद गांव वृद्ध गो सेवा आश्रम में पूरे विश्व में फैल रही कोरोना महामारी के संकट से रक्षा के लिए कोरोना महामारी शांति यज्ञ किया गया. गोशाला अध्यक्ष कमल सिकरिया, सचिव पदम भावसिंहका एवं ट्रस्टी दीनदयाल क्याल, ज्ञान चंद नाहर, एवं संतोष अग्रवाल आदि गो भक्तों ने यज्ञ में उपस्थित रहकर इस संकट के समय विश्व की रक्षा हेतु सभी देवी देवताओं एवं गोमाता का आह्वान कर विधि विधान पूर्वक गोमाता के पवित्र गोबर से निर्मित गोबर काठ द्वारा हवन कर प्रार्थना की. गोपाल बंसल का इस आयोजन में पूर्ण सहयोग रहा. गोशाला के अध्यक्ष कमल सिकरिया ने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना के प्राणघातक दंश को झेल रहा हैं एवं इससे भयभीत होकर विभिन्न उपाय तलाश रहा हैं.
विकास एवं सभ्यता की दौड़ में चंद्रमा तथा मंगल ग्रह पर जमीन तलाशते हम मानवजाति के पास इस महामारी का न कोई तोड़ है न कोई चिकित्सा.
ऐसी असहाय स्थिति में ही मानव दैविक शक्तियों की शरण ग्रहण करता है. ममतामयी एवं करुणामयी गोमाता के पास समस्त शक्तियों का भण्डार है. हमने उसे असहाय छोड़ दिया है शायद इसीलिए आज हम भी असहाय स्थिति में आ पहुंचे हैं. आइये इस गंभीर संकट से निजात पाने के लिए हम सभी प्रति दिन श्रद्धा एवं विश्वास पूर्वक, स्नेहमयी, सर्व-शक्तिमयी गोमाता के श्रीचरणों में जप, तप, यज्ञ एवं गोसेवा करते हुए याचना करें तो पूरे विश्व का अवश्य कल्याण होगा. यह जानकारी देते हुए कमल सिकरिया ने कहा कि हमारे वेदों एवं पुराणों में कहा गया है कि वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ कहा गया है कि गोमाता के गोबर कंडो द्वारा एक छटांक देशी घी से हवन करने पर एक टन आक्सीजन उत्पन्न होती एवं वायु मण्डल शुद्ध हो जाता है. इसलिए सभी से निवेदन है कि इस कोरोना जैसे अदृश्य शत्रु के विनाश के लिए गोमाता के पवित्र गोबर से निर्मित कंडों से हवन करें.
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