भुवनेश्वर – भारतीय जनता पार्टी द्वारा सेसु पर उद्योगों के प्रति नरमी बरतने संबंधी आरोप लगाये जाने तथा उद्योगों पर छह हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि को न वसूले जाने संबंधी आरोपों को सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई युटिलिटी आफ ओडिशा (सेसु) के सीईओ तथा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण बोथरा ने नकार दिया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के उपाध्यक्ष समीर मोहंती ने जमकर हमला बोला था तथा पार्टी प्रवक्ता गोलक महापात्र ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर कहा था कि 316 उद्योगों पर 6000 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। राज्य सरकार व सेसु इन उद्योगों से पैसे वसूल नहीं कर रहा है तथा आम लोगों से बिजली का कनेक्शन काटने की बात कह रहे हैं। उन्होंने इस वीडियो को सेसु व श्री बोथरा को ट्विटर पर टैग भी किया था। इस पर बोथरा ने ट्विटर पर जवाब दिया है। उन्होंने श्री महापात्र से 316 उद्योग व छह हजार करोड़ रुपये का ब्योरा मांगा। साथ ही उन्होंने कहा कि एरियर के बाबत सेसु का 1950 करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें से 96.13 करोड़ रुपये की राशि 5 उद्योंगों पर बकाया है और ये पांच मामले कोर्ट में लंबित हैं। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि इस बकाया राशि को वसूलने में सहयोग करें, क्योंकि यह राशि लोगों की है। शनिवार को भाजपा के उपाध्यक्ष समीर मोहंती ने बिजली काटने के फैसले को लेकर अरुण बोथरा को सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा कि अब तक अरुण बोथरा कहां सो रहे थे कि अचानक उनको यह निर्णय लेना पड़ा कि 15 जनवरी तक बिल नहीं जमा होने पर 16 जनवरी को बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। उन्होंने पूछा कि अरुण ने किसके आदेश पर यह फैसला लिया है। राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह निर्णय किसका है। समीर मोहंती ने कहा कि राज्य सरकार ने सेसू को लेकर टाटा पावर के साथ समझौता कर चुकी है तो यह पैसा कौन लेगा? समीर मोहंती ने सवाल किया था कि यदि सरकार को पैसा लेना था तो पहले निर्णय क्यों नहीं लिया? समझौते के बाद यह कदम उठाने से लगता है कि सरकार निजी कंपनियों के लिए काम कर रही है
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