कटक- अगर आप घर में लक्ष्मी का वास चाहते हैं तो किसी की निंदा ना करें। निंदा करने से लक्ष्मी का वास नहीं होता है। माहेश्वरी समाज द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन व्यास गद्दी पर विराजमान पंडित मोहनलाल जी व्यास ने यह सूत्र श्रोताओं को दिया। उन्होंने कहा कि लेने वाले हमेशा बंधन मे रहता है, जबकि देनेवाला सदैव स्वतंत्र रहता है।
उन्होंने अत्यंत ही सधे हुऐ और चुटीले अंदाज में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं को कथा में पूरी तरह बांधे रखा। आज की कथा में गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन, वामनावतार, गंगावतरण, राम-जन्म, कृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव के प्रसंग पर व्यास जी ने विस्तार से व्याख्या की। माहेश्वरी समाज के बच्चों द्वारा आज भगवान वामन, मीराबाई की वीणा में कृष्ण, एवं कृष्ण जन्मोत्सव पर देवकी-वसुदेव की दर्शनीय झाँकी प्रस्तुत की।