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ओडिशा प्रवास पर किये गये सम्मानित
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
नये साल पर हमें गजब का उपहार मिला। 10 साल पुरानी यादों को ताजा कर गये जमशेदपुर के संपादक श्री शशि शेखर जी। ओडिशा प्रवास के दौरान जब उन्हें मेरे दैनिक जागरण से जुड़े रहने की जानकारी मिली और मुझे भी जब पता चला कि आप ओडिशा प्रवास पर आएं हैं, तो फिर क्या? खूब मिल बैठे हम दोनों। दैनिक जागरण की कार्य संस्कृति और कुछ पुरानी यादें चर्चा के केंद्र में रहीं। मजा आ गया। देश के पूर्व में दूरस्त स्थित राज्य ओडिशा में यदा-कदा ही कोई मित्र प्रवास पर आता है। और आता भी वही है जिसको महाप्रभु श्री जगन्नाथ का बुलावा होता है। कई साल पहले दैनिक जागरण के मुख्य महाप्रबंधक श्री आनंद त्रिपाठी आए थे। वे जब भी ओडिशा आते हैं, उनसे मुलाकात होती है, लेकिन इस साल शशि शेखर जी से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ, हमने काफी अच्छे वक्त पत्रकारिता को लेकर चर्चा के बीच बिताए।
दैनिक जागरण से संबंध कुछ ऐसा ही जुड़ता है कि चाहे कितना भी दूर आप रहें, वह अपनों को ढूंढ ही लेता है। कुछ ऐसे ही संबंध दिलों को छू गया जमशेदपुर के संपादक श्री शशि शेखर जी के ओडिशा प्रवास के दौरान। आज यह तस्वीर हमारे भाई शेषनाथ राय ने उपलब्ध कराई।
एक बड़ी सच्चाई यह है कि जागरण से जुड़ा व्यक्ति कभी अलग नहीं हो सकता है, वह संस्थान भले ही छोड़ दे। इसका कारण यह है कि वहां संस्कृति आपसी संबंधों को प्रगाढ़ता से जोड़े रखती है। यह वहां की कार्य संस्कृति और टीम वर्क का नतीजा है। जहां तक हमें याद है कि हमें दैनिक जागरण, सिलीगुड़ी को छोड़े हुए लगभग 10 साल हो गये, लेकिन उस परिवार से जुड़ा हर व्यक्ति आज भी किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ। हम आज जागरण से जुड़े हैं या नहीं यह मायने नहीं रखता है, मायने यह रखता है कि हम कभी दैनिक जागरण परिवार के कभी हिस्सा रहे। यह दिलों से जुड़ा होता है, जो कर्मचारियों के संस्थान बदलने के बाद भी दिलों से जुड़ा रहता है। जागरण से जुड़ा सदस्य कभी कहीं भी मिलता है, तो यह नहीं लगता है कि वे लंबे समय बाद मिल रहे हैं, बल्कि लगता है कि हम कल ही मिले थे।
कई जगहों पर शशि शेखर किये गये सम्मानित
ओडिशा प्रवास के दौरान शशि शेखर जी कई जगहों पर सम्मानित किये गये। इस दौरान उन्हें पूर्व तट रेलवे के मुख्यालय में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी जेपी मिश्र ने सम्मानित किया। जनसंपर्क और पत्रकारिता में जेपी मिश्र की अच्छी पकड़ है। इसके अलावा कीट-कीस में भी शशि शेखर जी को सम्मनित किया गया।