-
कोरोना नियमों की धज्जियों उड़ाने पर वरिष्ठ समाजसेवियों ने दी नसीहत
-
कहा – सामाजिक कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों की जनसेवा सर्वोपरि होनी चाहिए
-
कोरोना काल में बड़े आयोजनों से बचे सामाजिक संस्थाएं – विजय खंडेलवाल
भुवनेश्वर. सामाजिक संस्थाओं के आयोजन में कोरोना नियमों के उल्लंघन पर वरिष्ठ समाजसेवियों ने चिंता जतायी है और सामाजिक संस्थाओं को उनके दायित्व बोध की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है. इनका मानना है कि सामाजिक संस्थाओं की पहली जिम्मेदारी समाज की सुरक्षा करना है. सामाजिक कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों का लक्ष्य खुद और संस्था से ऊपर उठकर जनसेवा होनी चाहिए. सामाजिक संस्थाओं को कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे किसी भी व्यक्त के लिए चिंता का विषय सृजित हो.कटक मारवाड़ी समाज के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ समाजसेवी तथा उद्योगपति विजय खंडेलवाल ने कहा कि सामाजिक संस्थाएं जितनी बड़ी होती हैं, उनकी जिम्मेदारियां भी उतनी बड़ी होती हैं और इसके लिए समर्पण भी उससे बड़ा होना चाहिए. खंडेलवाल ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं की जिम्मेदारी जनहितार्थ होनी चाहिए. संविधान में सामाजिक संस्थाओं की व्यवस्था इसलिए दी गयी है कि समाजहित के कार्यों को अधिक से अधिक क्रियान्वयित करके लोगों को लाभ पहुंचाया जाये. खंडेलवाल ने सामाजिक संस्थाओं आयोजन में कोरोना नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता जाहिर करते हुआ कहा कि लोगों को यह ध्यान में रखने की जरूरत है कि समाज ने अपने परिवार के कई सदस्यों को इस महामारी में खो दिया है. हमें किसी ऐसी परिस्थित को सृजित नहीं करनी चाहिए, जिससे चिंता बढ़े और कोरोना संक्रमण का जोखिम उच्च स्तर पर पहुंचे. खंडेलवाल सभी सामाजिक संगठनों के समाजहित में आयोजनों को स्थागित रखना का आह्वान किया है, ताकि कोरोना के संक्रमण कोरोना में सरकार को मदद मिल सके.