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लाकडाउन और शटडाउन में 80 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों उपलब्ध करायी थी आवश्यक सहायता
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दो सौ से अधिक प्रवासियों को अपने वाहन से पहुंचा उनके गांव
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नौ महीने की गर्भवती महिला की सेवा बनी मानवता की मिसाल
भुवनेश्वर. लाकडाउन के दौरान पैदल अपने घरों को लौट रहे श्रमिकों की अद्भुत सेवा कार्य के लिए समाजसेवी अविनाश खेमका को यहां राजधानी स्थित एक होटल में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया. यह सम्मान उनको टाइम्स आफ इंडिया हेल्ड आइकन अवार्ड के कार्यमक्रम में प्रदान किया गया. इस समारोह में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं एम्स भुवनेश्वर की निदेशक गीतांजली ने अविनाश खेमका को यह सम्मान प्रदान किया.
उल्लेखनीय है कि बीते साल अप्रैल से जून महीने तक लाकडाउन और शटडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से पैदल ही अपने घरों को लौट रहे थे. इस कटक के समाजसेवी अविनाश खेमना ने टांगी के पास इनकी सेवा की. जरूरत के हिसाब श्रमिकों को भोजन, पानी, दवा और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान की. राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 80 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों की इन्होंने सेवा की. इतना ही नहीं, थक कर लाचार हुए दो सौ से अधिक प्रवासी श्रमिकों को इन्होंने अपनी गाड़ी से पश्चिम बंगाल पहुंचाया. इस दौरान नौ महीने की गर्भवती को वाहन उपलब्ध कराकर इन्होंने मावनसेवा की एक बडी मिशाल कायम की थी. अविनाश खेमका के द्वारा उपलब्ध कराये गये वाहन से अपने गांव सुंदरवन पहुंचने के पांच दिन बाद उस महिला ने एक कन्या रतन को जन्म दिया.
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