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काले धुएं ने कई गांवों को घेरा
केंदुझर. जिले की चंपुआ पुलिस सीमा के तहत रघुआला साही में स्थित एक परित्यक्त बायोडीजल उत्पादन संयंत्र में भीषण आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ है. हालांकि स्थानीय लोगों ने बताया कि इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. बताया गया है कि शुक्रवार शाम को लगी आग ने संयंत्र में लाखों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है. आग ने इतना भीषण रूप धर लिया था कि दुर्घटनास्थल से निकलने वाले धुएं ने आसपास के गांवों को घेर लिया था. इससे स्थानीय लोगों को धुएं से होने वाले नुकसान को लेकर चिंता बढ़ गयी है. बताया जाता है कि सारसपासी, रामचंद्रपुर, कोडागड़िया, रघुआला, नारदपुर सहित आसपास के गांवों में आग का काला धुआं फैल गया था.
हालांकि आग लगने की सूचना पाते ही तुरंत बाद अग्निशमन विभाग और स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और आग काबू करने में जुट गयी. बचाव दल का स्थानीय लोगों ने साथ दिया, जिससे कि कुछ घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका.
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, बायोडीजल संयंत्र की स्थापना कुछ साल पहले पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की कंपनी ने की थी और कई कारखानों में फर्नेस ऑयल की आपूर्ति करती थी. संयंत्र स्थानीय निवासी परमेश्वर की खेत में किराए पर स्थापित किया गया था. आग के कारण कंपनी को नुकसान पहुंचा है और उसने विनिर्माण बंद कर दिया है. बायो-डीजल से भरे सात टैंक भी संयंत्र के अंदर छोड़ दिए गए. बताया गया है कि परमेश्वर ने संबंधित कंपनी प्राधिकारियों से टैंकरों को वापस लेने के बार-बार अनुरोध किया था, लेकिन इसके बावजूद संयंत्र के परिसर से हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए.इस बीच शुक्रवार शाम को पास के जंगल में आग लग गई, जो संयंत्र तक फैल गई और कारखाने में खड़े सात टैंकरों को भी अपने चपेट में ले लिया. आग में संपत्ति के नुसकान का आंकलन नहीं लग पाया है.