सत्यनगर स्थित उत्कल-अनुज हिन्दी पुस्तकालय प्रांगण में एक बंधुमिलन का आयोजन मुख्य संरक्षक सुभाष भुरा द्वारा किया गया. भुराजी की माताजी कमला देवी भुरा ने बतौर मुख्यअतिथि बंधुमिलन का केक काटकर उद्घाटन किया. आयोजन के अंतिम दिन मशहूर डफलीवादक मुरारीलाल लढानिया को उनके बेजोड़ प्रदर्शन के लिए पुस्तकालय की ओर से सम्मानित किया गया. मुख्यसंरक्षक सुभाष भुरा के जन्मदिन (21मार्च) के उपलक्ष्य में आयोजित बंधुमिलन में मारवाड़ी, हिन्दीभाषी, ओड़िया तथा बंगाली भाषा-भाषी के अनेक मेहमान उपस्थित थे. 22 मार्च को कार्यक्रम का आरंभ स्थानीय यूनिट-3 राममंदिर के मुख्य पुजारी महारुद्र झा के मंत्रोच्चारण तथा मुरारीलाल लढानिया के गणेश वंदना के साथ हुआ. डफलीवादक टोली का नेतृत्व मुरारीलाल लढानिया ने वखूबी की, जबकि सजन लढानिया, किशन खण्डेलवाल, पारस सुराना, मनसुख सेठिया, रतन मनोत, सीताराम शर्मा, रामकिशोर शर्मा, मनोज बाजोड़िया तथा पण्डित महारुद्र झा आदि ने मिलकर राजस्थानी संगीत-नृत्य का बेजोड़ प्रदर्शन प्रस्तुत किया. पुस्तकालय की ओर से आतिथ्य-सत्कार एवं सेवाभाव से उपलब्ध अल्पाहार में ठंडई, पकौड़ी, पूड़ी-आलूदम आदि का लोगों ने भरपूर स्वाद लिया.
सबसे अच्छा यह देखने को मिला कि पुस्तकालय के मुख्य सलाहकार डा शंकरलाल पुरोहित जो कोरोना के चलते भुवनेश्वर से लगभग 10 महीने दूर हैदराबाद में रहे उन्हें गजानंद शर्मा, लिंगराज ग्रेनाइट वाले स्वयं जाकर अपनी कार से उनको सपत्नीक आदर के साथ लाये, जिससे आयोजन की शोभा और बढ गई. उपस्थित माताओं-बहनों ने भी आयोजन में भरपूर सहयोग दिया. अनुज भुरा, निदेशक, उत्कल बिल्डर्स ने बताया कि यह शाम उनको बहुत ही अच्छी लगी, क्योंकि पुस्तकालय प्रांगण की शाम दो दिनों तक पूरी तरह से गीत-संगीत तथा नृत्य के माहौल से आनंदमय था. अनुज ने भी सबके साथ मिलकर अपने पिता के बर्थडे का भरपूर आनंद उठाया. 23 मार्च की शाम भी उसी प्रकार का आत्मीय माहौल रहा. सुभाष भुरा ने आयोजन से जुड़े सभी को अपनी ओर से बधाई दी.