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पारंपरिक संगीतों पर जमकर लगे ठुमके
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रंग और गुलाल विहीन लोगों के एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी
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वरिष्ठ समाजसेवी और उद्योगपति सुभाष भुरा का जन्मदिन भी मना
भुवनेश्वर. राजधानी के सत्यनगर स्थित उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय में सोमवार को आयोजित होली वंधुमिलन में राजस्थानी पारंपरिक संगीतों की जमकर बयार बही. इस दौरान संगीतों पर उपस्थित लोगों ने खूब मौज-मस्ती की. जमकर ठुमके लगाये गये. एक अनूठे अंदाज में सीमित अतिथियों के बीच इस वंधु मिलन समारोह का आयोजन किया गया था.
इस दौरान मुरारीलाल लढानिया और उनकी टीम ने डफ (चंग) व डांस का शानदार प्रदर्शन कर लोगों को पारंपरिक संगीत की तरफ आकर्षित करने का सफल प्रयास किया. आजकल धूम-धड़ाके वाले संगीत के दौर लुप्त होते पारंपरिक संगीतों को बचाये रखने का एक प्रयास भी यहां देखने को मिला. वंधु मिलन समारोह की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई.
इसके बाद उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय के संरक्षक, वरिष्ठ समाजसेवी तथा उद्योगपति सुभाष भुरा का जन्मदिन मनाया गया. इस मौके पर मौजूद लोगों ने भुरा को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देते हुए उनके दीर्घायु, स्वस्थ व सुखमय जीवन की कामना की. सुभाष भुरा ने उनके जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए सबके प्रति आभार जताया है. इसके बाद होली के पारंपरिक संगीत का दौर शुरू हुआ, जो कई घंटों तक चला.
इस मौके पर गायक मंडली में मुरारीलाल लढानिया, सजन लढानिया, पारस सुराना, वीरेंद्र बेताला, रतन मनोथ, मनसुख सेठिया, आरके शर्मा, किशन खंडेलवाल, श्रीराममंदिर के पुजारी महारूद्र झा, सीताराम शर्मा तथा मनोज बाजोरिया व अन्य शामिल थे.
इस मौके पर डाक्टर शंकरलाल पुरोहित सपत्निक, रश्मि धवन, ओमप्रकाश मिश्र, शशि निमानी, गजनान शर्मा, प्रकाश भुरा, आनंदन पुरोहित, लालचंद मोहता, मनोज ललानी, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, हरी भारती, रश्मि गुप्ता, डा निधि गर्ग, अशोक पांडेय, पूनम सिंह, पूनम सहानी, बलबीर कौर, लाली सिंह कौर उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय इस समारोह का समापन आज शाम सात बजे से 10 बजे तक के कार्यक्रम के आयोजन के साथ होगा. इसमें इच्छुक लोगों से शामिल होने का आग्रह किया गया है.