Home / Odisha / अपनी सियासी महत्वकांक्षा के लिए किसानों को क्यों ढाल बनाया जा रहा हैं ?

अपनी सियासी महत्वकांक्षा के लिए किसानों को क्यों ढाल बनाया जा रहा हैं ?

विनय श्रीवास्तव (स्वतंत्र पत्रकार)

किसानों के हल से सियासत की खेती करने वालों राकेश टिकैत और पुष्पेंद्र सिंह समेत सभी आंदोलन जीवियों को खुली चुनौती है। केंद्र सरकार को गिराने, धमकी देने और गालियाँ देने के बजाय चुनावी मैदान में आएं और अपनी औकात दिखाएं। राकेश टिकैत पहले भी दो बार चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें वो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। अपनी सियासत चमकाने के लिए ये लोग भोले भाले किसानों को रोज बरगला रहे हैं और उल्टा पाठ पढ़ा रहे हैं। किसानों के खातों में डायरेक्ट छः हजार रुपये देकर उनकी मदद करना, फसल का इन्सुरेंस करना, किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को सूदखोरों से बचना, निम्कोटिंग कर किसानों को यूरिया की ब्लैकमेलिंग से बचाना। ये सब किसानों के हित में मोदी सरकार ने ही काम किये हैं। ये सभी कार्य करने का अवसर पूर्ववर्ती सरकारों के पास भी था। लेकिन ये सब कार्य देश की आजादी के सत्तर सालों तक नहीं हो पाया। क्योंकि उनका मकसद किसानों को लाभ पहुचांना नहीं बल्कि किसानों और गरीबों के नाम पर सियासत करना था। नए कृषि कानूनों पर मोदी सरकार ने इन तथाकथित किसान नेताओं के साथ बारह दौर की बात की। लेकिन इनके अड़ियल रुख ने सामाधान के रास्ते बंद किये। इनके कारण गणतंत्र दिवस पर देश को शर्मसार किया गया। ये तथाकथित किसान नेता समाधान चाहते ही नहीं हैं। यदि समाधान हो गया तो फिर इनकी सियासी दुकानें बंद जाएंगी। यदि नया कृषि कानून किसानों हित में नहीं होता तो पूरे देश के किसान आज सड़कों पर होते। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। देश के किसान खुश हैं। अब ये तथाकथित किसान नेता बंगाल से लेकर दूसरे राज्यों में जहां चुनाव होने वाला है वहां ये लोग भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। मतलब साफ है कि इन्हें किसी भी कीमत पर सियासी गद्दी चाहिए। जनता इनकी पैंतरे बाजी को भली भांति समझ रही है। आंदोलन के बहाने इन्होंने तरह तरह से जनता को परेशान किया हुआ है। महीनों से सड़क जाम कर रोजी रोजगार को ठप कर दिया है। ट्रेन रोककर पैसेंजर को परेशान करते हैं। लोकतंत्र की चुनी हुई सरकार को रोज रोज गालियां देते हैं। इसका सीधा मतलब है जनता का अपमान करना। बेहतर होगा की ये तथाकथित किसान नेता किसी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़े और किसानों को बरगलाना और झूठ का पाठ पढ़ाना बंद करें। अगर इन्हें लगता है कि उनके पास सरकार गिराने का समर्थन है तो पहले ये लोग किसी भी जगह से चुनाव लड़ लें। औकात का पता लग जायेगा। सरकार का पक्ष लेना हम पत्रकारों का काम नहीं है। लेकिन जो सत्य है वह जनता के तक पहुंचाना अवश्य हमारा काम है। राष्ट्र प्रथम। बाकी सब बाद कि बात।

 

Share this news

About desk

Check Also

IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

ओडिशा में डिप्रेशन के कारण बारिश जारी

सरकार ने धान फसल के नुकसान पर मुआवजे का आश्वासन दिया भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *