भुवनेश्वर. सन् 2001 को मिशन शक्ति के रुप में जो पौधा लगाया गया था, आज वह एक विराट पेड़ में परिवर्तित हो गया है. 80 लाख माताओं के लिए यह पेड़ आशा का पेड़ बन चुका है. इस पेड़ के पत्ते-पत्ते में एक एक सफल कहानियां हैं. यह कहानी है हमारी मिशन शक्ति की. आज मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश स्तरीय विश्व महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति की सफलता से अधिक से अधिक माताओं को प्रेरणा मिलेगी और मिशन शक्ति शीघ्र ही एक करोड़ महिलाओं का एक विराट आंदोलन के रूप में परिवर्तित होगा. उन्होंने कहा कि ओडिशा में प्रत्येक घर में सशक्त ओडिशा का संदेश प्रदान करेगा. मिशन शक्ति को एक विशेष विभाग के रूप में मान्यता देने का विषय उठा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके इस कदम का माताओं ने स्वागत किया है.
उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति आज की तारीख में एक बड़ी सामाजिक आर्थिक आंदोलन में परिवर्तित हो चुकी है. गांव की अर्थव्यवस्था को इसने पटरी पर ला दिया है. मिशन शक्ति केवल देश में नहीं पूरे विश्व में एक बड़ा आंदोलन के रूप में परिवर्तित होने जा रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के समय माताओं ने सरकार के मुख्य सहयोगी होकर क्विज मुकाबले में अग्रणी भूमिका का निर्वाह किया था. मिशन शक्ति की माताओं से प्रारंभ कर आंगनबाड़ी, आशा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी आदि सभी माताओं ने सबसे ज्यादा जिम्मेदारी के साथ काम किया है. परिवारों को भी उन्होंने जागरूक किया है. इसलिए मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया.
पटनायक ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा मिशन शक्ति को शक्ति में माताओं के लिए निष्ठा के साथ कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो देश माताएं जितना विकसित हैं, वह देश उतना ही विकसित है. माताओं की समृद्धि व अधिकार के लिए उनका प्रयास जारी रहेगा.
कार्यक्रम में सचिवालय में उपस्थित महिला व बाल विकास मंत्री साहू ने कहा कि महिला के अंदर अंदरूनी शक्ति व सामर्थ का उपयोग कर विकास के लिए आगे आने के लिए सरकार कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री के दूर दृष्टि के कारण आज ओडिशा महिला विकास के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है. मिशन शक्ति माताओं ने माताओं को एक नया परिचय दिया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया.
कार्यक्रम के प्रारंभ में महिला वह शिशु विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनू गर्ग ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के महिला को हिताधिकारी नहीं बल्कि विकास का भागीदार मानकर कार्य कर रही है. महिलाओं के विकास के लिए राज्य सरकार सिर्फ एक ही दिन नहीं, बल्कि पूरे 365 दिन समर्पित होकर कार्य कर रही है.
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