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बालू नीति के कार्यान्वयन में देरी व राजस्व के नुकसान को लेकर विधानसभा में चिंता

  •  विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री को दी हिदायद- शीघ्र लागू करें बालू नीति

भुवनेश्वर. राज्य में बालू नीति के कार्यान्वयन में देरी व इस कारण राज्य सरकार को हो रही राजस्व की हानि को लेकर विधानसभा में चिंता व्यक्त की गई. विधायकों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को बालू नीति शीघ्र न लागू करने पर खिचांई की. विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने भी इस मुद्दे पर राज्य के राजस्व मंत्री सानंद मरांडी को हिदायद दी कि इस नीति को सरकार शीघ्र लागू करें.प्रश्नकाल में विधायक मोहन माझी द्वारा राज्य में बालू नीति के कार्यान्वयन के संबंध में पूछे गये सवाल के उत्तर के दौरान चर्चा में विधायकों ने सरकार पर निशाना साधा.मंत्री सुदाम मरांडी ने बताया कि 2018 में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक में राज्य में बालू नीति तैयार करने को मंजूरी दी गई है. अब इसका मसौदा अंतिम चरण में है.मंत्री के इस उत्तर के बाद विधायकों ने कहा कि तीन साल के बाद भी नीति लागू नहीं हो पाय़ी है. इससे दुःखद बात क्या हो सकता है. उन्हेंने कहा कि इससे राज्य को सालाना कई हजार रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति ने कहा कि बालू का टेंडर सिर्फ बीजद नेताओं को मिल रहा है.

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