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सीमा सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है राज्य सरकार– नरसिंह मिश्र

  • कहा- सर्वदलीय बैठक बुलाकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिदल कोटिया जाए

भुवनेश्वर. विभिन्न पड़ोसी राज्यों द्वारा ओडिशा के इलाकों पर कब्जा जमाने की कोशिश करना तथा सीमा विवाद के मुद्दे को राज्य सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. बुधवार को विपक्ष द्वारा इस संबंध में लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों के महत्वपूर्ण सुझावों पर राजस्व मंत्री ने ध्यान नहीं दिया. वर्तमान में विधानसभा सत्र जारी रहने के कारण विधानसभा अध्यक्ष एक सर्वदलीय बैठक बुलायें तथा एक सर्वदलीय प्रतिनिधि दल कोटिया का दौरा करे. कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने गुरुवार को शून्यकाल में यह बात कही.

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण होने के कारण इसमें मुख्यमंत्री को चर्चा में शामिल होना चाहिए था. विपक्षी विधायकों ने इसके समाधान के लिए अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिया था.

मिश्र ने इस मुद्दे राज्य सरकार की लापरवाही को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री ने चर्चा के दौरान कहा कि तीन फरवरी को जिलाधिकारी से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद राज्य सरकार को आंध्रप्रदेश द्वारा वहां पंचायत चुनाव किये जाने की बात पता चली. उन्होंने सवाल किया कि राज्य की खुफिया जानकारी क्या मुख्यमंत्री को नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को लेकर 1968 में पहली बार ओडिशा सरकार सुप्रीमकोर्ट गई थी. तो फिर ओडिशा सरकार को पता कैसे नहीं है.

किसानों से धान की खरीद के मुद्दे पर नरसिंह मिश्र ने जताई चिंता

किसानों से धान की खरीद के मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने गुरुवार को चिंता व्यक्त की. शून्यकाल में इस मुद्दे को  उठाते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री रणेन्द्र प्रताप स्वाईं के विधानसभा के बयान के बाद भी किसानों का कोई लाभ नहीं हुआ. किसानों की समस्याएं बनी हुई हैं.

उन्होंने कहा कि खाद्य व आपूर्ति मंत्री रणेन्द्र प्रताप स्वाईं ने बुधवार को एक सवाल के उत्तर में कहा कि किसानों से धान की खरीद में प्रति क्विंटल कुछ किलोग्राम धान काटे जाने के संबंध में किसी प्रकार की सूचना राज्य सरकार के पास नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन समाचार पत्रों में इस तरह की खबरें प्रकाशित हो रही हैं. इसके बाद भी सरकार को इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों की हालत खराब हो जाएगी.

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