Home / Odisha / धाराशायी होने के कगार पर है पांचवीं एवं छठवीं सदी का जैन मंदिर

धाराशायी होने के कगार पर है पांचवीं एवं छठवीं सदी का जैन मंदिर

  •  प्रशासनिक उदासीनता उजागर, कोरापुट के कुंदुरा ब्लॉक में स्थित है मंदिर

राजेश बिभार, संबलपुर
एक तरफ प्रदेश सरकार जहां ओडिशा के सभी प्रमुख मंदिरों एवं दर्शनीय स्थानों को कायाकल्प करने पर करोड़ों रुपये की राशि मंजूर कर रही है, वहीं प्रदेश के कई ऐतिहासिक धरोहर ऐसे हैं, जो रखरखाव के अभाव में अब धाराशायी होने के कगार पर पहुंच गये हैं. ऐसा ही एक मामला प्रदेश के सबसे खुबसूरत स्थानों में से एक कोरापुट जिले में देखने को मिला है. कोरोपुट जिले के कुंदुरा ब्लॉक अंतर्गत फूपूगांव के घने जंगल में प्राचीनतम काल से एक जैन मंदिर खड़ा है. बताया जाता है कि यह मंदिर 5वीं सदी में निर्मित किया गया था. दूसरा जैन मंदिर गोराहांडी जंगल में है, जिसे छठी शताब्दी में बनाया गया था. प्रशासनिक उदासीनता एवं रखरखाव के अभाव में अब दोनों ही मंदिर धाराशायी होने की अवस्था में पहुंच चुके हैं. मंदिर की इस अवस्था को देखकर जैन धर्मावलंबी एवं स्थानीय लोगों में नाराजगी का माहौल है. उनका कहना है कि यदि जल्द से जल्द उन मंदिरों की मरम्मत की व्यवस्था नहीं की गई तो आनेवाले दिनों में आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा. इस मसले पर जब कारोपुट के सब-कलेक्टर हेमकांत साय का ध्यान आकर्षित कराया गया तो उन्होंने कहा कि आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया की सहायता से इस पुरातन जैन मंदिर का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. बहुत जल्द इस मंदिर के विकास का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा. इसके बाद विकास का कार्य आरंभ किया जाएगा.

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