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टाउन थाना के अंदर नेता एवं बाहर समर्थक धरना पर
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आरडीसी का संदेश लेकर पहुंचे एडीएम एवं नगर निगम आयुक्त
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भाजपा नेताओं की टीम पहुंची आरडीसी कार्यालय, बातचीत जारी
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अपनी ही रणनीति में फंसकर रह गई संबलपुर पुलिस
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पत्रकारों को दूर रख अपनी साख बचाने की कोशिश

राजेश बिभार, संबलपुर
भाजपा की ओर से आयोजित किसान अधिकार रैली ने अब नया मोड़ ले लिया है। गुरुवार को आरडीसी कार्यालय में संघर्ष के दौरान पुलिस ने बल का प्रयोग किया और किसानों के हित में जुझ रहे भाजपा के तुंग नेताओं को गिरफ्तार कर टाउन थाने में नजर बंद कर दिया। भाजपा नेताओं ने यहां पर भी अपनी जिद नहीं छोड़ी। पुलिस की ओर से रिहा किए जाने के बाद भी भाजपा नेता किसानों को न्याय दिलाने एवं मंडियों मे संग्रहित धान तत्काल खरीदे जाने की मांग पर आवाज बुलंद करते रहे। जब प्रशासन की ओर से उन्हें उचित जवाब नहीं दिया गया, तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती, विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक, संबलपुर विधायक जयनारायण मिश्र, बरगढ़ सांसद सुरेश पुजारी, बलांगीर सांसद संगीता सिंहदेव, भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी तथा सांसद विजय पाल सिंह तोमर, वरिष्ठ भाजपा नेता कनकवर्धन सिंहदेव एव रेंगाली विधायक नाउरी नायक भाजपा के सभी तुंग नेताओं ने टाउन थाना के अंदर ही धरना आरंभ कर दिया।

आंदोलित भाजपाई उत्तरांचल राजस्व आयुक्त से अपनी मांगों का लिखित आश्वासन चाहते थे। भाजपा नेताओं ने सारी रात टाउन थाना परिसर में ही धरना देते हुए गुजार दिया। सुबह उनके अनेकों समर्थक टाउन थाना पहुंचे और थाना के बाहर आंदोलन आरंभ कर दिया। इस दौरान पुलिस एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच सामान्य धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बावजूद टाउन थाना के अंदर एवं बाहर आंदोलन का दौर चलता रहा।

अपराह्न तीन बजे के आसपास एडीएम एवं नगर निगम आयुक्त आरडीसी का संदेश लेकर टाउन थाना पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने भाजपा नेताओं को बताया कि आरडीसी उनसे मिलने के इच्छुक हैं। आरडीसी के संदेश का सम्मान करते आंदोलित भाजपा नेताओं की एक टीम आरडीसी कार्यालय पहुंची है, वहां पर बातचीत का दौर बदस्तुर जारी था।

इस बीच जिला पुलिस मुख्यालय की ओर से विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि आंदोलित भाजपा नेताओं को समझाने का भरसक प्रयास किया गया। आरडीसी अपने कार्यालय में उनसे मिलने को तैयार हैं। इसके बावजूद भाजपा नेता आरडीसी कार्यालय जाने को तैयार नहीं हैं। पुलिस का यह बयान निश्चित तौर पर बचकाना लगता है। गुरुवार को आरडीसी से मिलने की ख्वाहिश में ही भाजपाइयों ने इतने बड़े आंदोलन को अंजाम दिया। उस दौरान यदि भाजपा नेताओं की मुलाकात आरडीसी से करा दी जाती तो मामला वहीं पर शांत हो जाता, किन्तु वाहवाही के चक्कर में संबलपुर पुलिस राजनीति के पेंच में फंसकर रह गई। उनका रणनीति पूरी तरह फेल हो गयी।

अब यह मामला इतना पेचीदा हो गया है कि पुलिस को न तो उगलते बन रहा है और न ही निगलते। टाउन थाना के अंदर एवं बाहर आंदोलन की खबर पाकर जब पत्रकार वहां पहुंचे तो पुलिस ने सख्त रूख दिखाते हुए पत्रकारों को थाना के अंदर जाने से रोक दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से साफ था कि पुलिस की जितनी किरकिरी होनी थी हो चुकी है। यदि पत्रकार अंदर पहुंच जाते तो उनकी रही सही साख भी धूमिल हो जाती। शुक्रवार को दिन तमाम शहर के पत्रकार टाउन थाना के बाहर जमे रहे और पल-पल बदल रही सूचनाओं को एकत्रित करते रहे।
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