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भगवान भाव के भूखे हैं, पाखंड के नहीं – बालक योगेश्वर दास
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कहा- अपने धर्म की खूब प्रशंशा करें, लेकिन दूसरों की बुराई नहीं
हेमन्त कुमार तिवारी, पुरी
राम-राम में बल है. सिर्फ दो बार ही जपा कीजिए. सोते-जागते या रास्ते चलते सिर्फ दो ही बार राम-राम कहने से प्रभु हमारी भक्ति से खुश हो जाते हैं. कोई जरूरी नहीं कि आप आडंबर के साथ ही भक्ति का प्रदर्शन करें. भक्ति का यह रसपान बद्रीधाम से यहां पधारे 1008 महामंडेश्वर बालक योगेश्वर दास जी महाराज, बद्रीधाम ने भक्तों को कराया. उन्होंने कहा कि मनुष्य की काया कर्म करने के लिए मिली है. इसलिए कर्म के कारण यदि समय कम मिले तो काई बात नहीं. रात में सोने से पहले सिर्फ दो बार ही राम-राम दिल से कहें. प्रभु खुश हो जायेंगे. प्रभु का पता है कि हमें इस धरा पर कर्तव्यों के निर्वहन के लिए ही भेजा गया है.
1008 महामंडेश्वर बालक योगेश्वर दास जी महाराज ने कहा कि दुनिया को संचालित करने के लिए ब्रह्मा जी को जिम्मेदारी दी गयी और ब्रह्मा जी ने हम मानव जाति को सृजित किया, ताकि इस धरती पर ब्रह्मा जी के कर्तव्यनिष्ठा को आगे बढ़ा सकें. इसलिए मनुष्य को कर्तव्यनिष्ठ होने की आवश्यकता है.
इस मौके पर भाइचारे को बनाये रखने आवाह्न करते हुए 1008 महामंडेश्वर बालक योगेश्वर दास जी महाराज ने लोगों को कहा कि आप अपने धर्मों की खूब प्रशंसा कीजिए. खूब बखान कीजिए, लेकिन कभी भी किसी दूसरे के धर्मों को नीचा नहीं दिखाएं. जैसे हमारा धर्म महान है, वैसे दूसरों का धर्म भी महान है. जैसे हमारी मां महान है, वैसे ही दूसरे की मां भी महान है. इसलिए लोगों को किसी को भी नीचे नहीं दिखाना चाहिए. आप महान बनिये, लेकिन किसी को नीचे नहीं दिखाए. महाराज ने कहा कि मानव जाति को किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए. न ही आलोचना करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि समय कम है. इसलिए इसे दूसरे की निंदा करके नहीं व्यतीत कीजिए. इसका सदुपयोग के बखान में कीजिए, आलोचन नहीं. 1008 महामंडेश्वर बालक योगेश्वर दास जी महाराज यहां अलिपड़ा स्थित गोविंद धाम गोशाला परिसर में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव और गायत्री यज्ञ की पूर्णाहुति समारोह को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम के दौरान कई विभुतियों को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम का समापन विष्णु चरण पंडा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. इस मौके पर कुछ दानदाताओं ने गोशाला में गोमाताओं की सेवा के लिए 1.51 लाख रुपये का दान भी किया.