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श्रीजगन्नाथ संस्कृति सुरक्षा परिषद ने की मांग
भुवनेश्वर. राज्य सरकार ने धीरे-धीरे मंदिरों को खोलने की अनुमति दी है. पुरी के श्रीमंदिर बाद में लिंगराज मंदिर व अन्य मंदिरों को खोला जा रहा है, लेकिन इन मंदिरों में जाने के लिए श्रद्धालुओं को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट देना अनिवार्य कर दिया गया है. इस कारण अनेक गरीब भक्त निराश हो रहे हैं. अतः इस निर्णय को राज्य सरकार तत्काल बदले. श्री जगरनाथ संस्कृति सुरक्षा परिषद के संयोजक अनिल विश्वाल ने यह मांग की है. उन्होंने कहा कि कोरोना का परीक्षण करने के लिए कम से कम 400 रुपये खर्च हो रहे हैं. बुधवार को राजधानी के लिंगराज मंदिर में कोरोना परीक्षण के लिए सरकार ने व्यवस्था की है, यह स्वागत योग्य है, लेकिन बाकी मंदिरों में ऐसी व्यवस्था नहीं है. इस कारण अनेक गरीब श्रद्धालु मंदिर के दर्शन से वंचित हो रहे हैं. अतः सरकार को यह निर्णय इस निर्णय को तत्काल बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सरकार मंदिरों में कोरोना परीक्षण की निःशुल्क व्यवस्था करे अन्यथा कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त करे. उन्होंने कहा कि अन्य किसी राज्य में इस तरह का नियम नहीं है. सभी राज्यों के मंदिरों में जाने के लिए कहीं पर भी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है. ओडिशा सरकार किस आधार पर इस नियम को बनाया है, यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि और एक बात इसमें है कि यह केवल हिंदू मंदिरों के लिए ही लागू है. राज्य में मस्जिदों व चर्चों में जाने के लिए इस तरह की किसी प्रकार की रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है. इसलिए यह निर्णय ही भेदभावपूर्ण है.