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राज्यपाल गणेशी लाल और शिक्षा मंत्री नहीं कर पाये महाप्रभु के दर्शन

  • श्रीमंदिर में प्रवेश के लिए कोरोना की तत्कालिक नेगिटिव रिपोर्ट का अनिवार्य नियम बना बाधा

  • महामहिम और शिक्षा मंत्री पहले रह चुके हैं पाजिटिव

प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी

ओडिशा के राज्यपाल डा गणेशी लाल तथा राज्य के शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास यहां श्रीमंदिर में महाप्रभु श्रीजगन्नाथ के दर्शन नहीं कर पाये हैं. महाप्रभु श्री जगन्नाथ व राज्यपाल तथा शिक्षा मंत्री के बीच मंदिर प्रशासन का नियम बाधा बनकर खड़ा हो गया, जिसने कई सवालों को जन्म दिया है. राज्यपाल अपने परिवार के साथ पुरी गये, लेकिन उनके पास तत्कालिक कोरोना जांच की नेगिटिव रिपोर्ट नहीं थी. हालांकि इससे पहले वह पाजिटिव होकर इलाज करा चुके हैं, लेकिन भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगाये गये तुगलीय फैसले के कारण राज्यपाल भी दर्शन नहीं कर पाये हैं. इसी तरह से शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास के पास भी कोरोना की नेगिटिव रिपोर्ट नहीं थी. हालांकि यह भी पहले पाजिटिव रह चुके हैं. अब नेगिटिव होने के बाद यह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं.

निःशुल्क जांच की व्यवस्था नहीं

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने मंदिर में दर्शन से पहले भक्तों को चार दिनों के अंदिर करायी गयी कोरोना जांच की नेगिटिव रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. ऐसी स्थिति में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कहीं भी निःशुल्क जांच की व्यवस्था नहीं की गयी है, क्योंकि ज्यादर लोग पुरी में घुमने के लिए आते हैं और जाने से पहले महाप्रभु के दर्शन करते हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें लगभग एक सप्ताह कम से कम पुरी में रहते हैं. मंदिर प्रशासन का यह फरमान ऐसे पर्यटकों के लिए सिर दर्द बन गया है, क्योंकि अधिकांश पर्यटकों को न तो जांच केंद्रों के बारे में जानकारी है और ना ही मंदिर प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का जांच केंद्र स्थापित किया गया है. पर्यटकों का कहना है कि मंदिर प्रशासन को इस नियम को थोपने से पहले पर्यटकों की सुविधा हेतु जांच केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए थी.

सरकारी अस्पताल में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक

पुरी में सरकारी अस्पताल में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है, जबकि पुरी के लोगों के लिए इसके दरवाजे खुले रखे गये हैं. जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने सरकारी अस्पताल को निर्देश दिया है कि यहां पर पर्यटकों की कोरोना की जांच नहीं की जा सकती है. हालांकि जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों की पहचान के बाद यहां कोरोना जांच कराने की छूट दी है.

निजी अस्पताल पर जांच मूल्य अधिक लेने के आरोप

जिला प्रशासन ने एक निजी अस्पताल में पर्यटकों के लिए कोरोना की जांच की छूट दी है, लेकिन आरोप उठ रहा है कि यहां कोरोना की जांच के दाम काफी बढ़ाकर लिया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार ने जांच कर काफी कम रखी हुई है. हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का पक्ष नहीं मिल पाया है.

…तो सिर्फ दो सौ लोग ही कर पायेंगे महाप्रभु के दर्शन!

पुरी जिला प्रशासन ने जिस निजी अस्पताल को कोरोना की जांच की छूट दी है, वहां पर एक दिन में अधिकतम दो सौ लोगों की ही जांच की जा सकती है. ऐसी स्थिति में सिर्फ दो सौ बाहरी लोग ही महाप्रभु के दर्शन कर पाये गये हैं.

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