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बहन ने दर्ज करायी गुमशुदगी की रिपोर्ट
सुंदरगढ़. हाल ही में पाकिस्तान की लाहौर जेल से रिहा हुए ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के आदिवासी व्यक्ति बिरजू कुल्लू जिले के कुतरा ब्लॉक में अपने पैतृक गांव कटंग से लापता हो गए हैं. उनकी बहन ने कुतरा पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी है. जानकारी के अनुसार, बिरजू शनिवार से घर नहीं लौटे हैं. बहन ने कहा कि बिरजू यहाँ रहने को लेकर शिकायत करता था और कहता था कि उसके पास पाकिस्तान की सारी सुविधाएँ हैं. उल्लेखनीय है कि 25 साल पहले मानसिक रूप से मंद युवक बिरजू घर छोड़कर झारखंड चला गया था, जहाँ वह बोलबा में अपने चाचा के घर में रहता था. वहां से भी वह एक रात फिर गायब हो गया. बाद में परिवार के सदस्यों को जानकारी मिली कि वह रांची के एक होटल में काम कर रहा है, लेकिन उनके आने से पहले ही वह वहां से लापता हो गया. इसके बाद वे उसके ठिकाने का पता लगाने में सक्षम नहीं थे. उसके माता-पिता ने उसका इंतजार किया. उसके माता पिता का निधन हो गया. इस बीच बिरजू ने पाकिस्तान में सीमा पार कर ली थी, जहां उसे कुछ किसानों द्वारा ट्रैक्टर में उठाकर शिकारपुर ले जाया गया था. उसे एक हफ्ते बाद वहां गिरफ्तार किया गया और एक अदालत में भेज दिया गया, जिसने उसे लाहौर जेल भेज दिया. 2019 में अचानक पुलिस ने कटंग में बिरजू के घर का दौरा किया, जिसके बाद उसके परिवार को पता चला कि वह लाहौर जेल में बंद है. 20 साल जेल में बिताने के बाद बिरजू को 26 अक्टूबर को वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया. वहां से उन्हें अमृतसर ले जाया गया जहां उन्हें एक कोविद अस्पताल में भर्ती कराया गया. जानकारी मिलने पर, कुतरा के कल्याण विस्तार अधिकारी मदन सिंह 6 नवंबर को अमृतसर गए और 13 नवंबर को बिरजू के साथ लौटे. उनके आने के एक दिन बाद उनका नाम अंत्योदय योजना में दर्ज किया गया. जिला प्रशासन ने जिला रेड क्रॉस फंड से 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी दी. इसके अलावा, उन्हें भरण-पोषण के लिए चावल, राशन और फलों से भरा बैग भी प्रदान किया गया था. पुलिस उनकी तलाश में जुट गयी है.