
नयागढ़. पांच साल की बच्ची परी के अपहरण और हत्या मामले में एक नए मोड़ आ गया है. आरोपी सरोज सेठी के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि वह नाबालिग है और उन्होंने मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए अदालत का रुख करने की धमकी दी. आरोपी के वकील चंद्र विजय मिश्र ने कहा कि उनके मुवक्किल को नाबालिग माना जाए और किशोर न्यायालय में पेश किया जाए. मिश्र ने कहा कि सरोज के हाई स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार, उसकी जन्मतिथि 6 फरवरी, 2003 है. इसका मतलब है कि वह अपराध की घटना के दिन 17 साल पांच महीने और आठ दिन का था. उन्होंने आगे कहा कि सरोज को अदालत में प्रमुख के रूप में पेश किया गया था, लेकिन वे अदालत जाएंगे और उन्हें किशोर साबित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करेंगे. खबर के अनुसार, सरोज का पहले बोन ओस्सिफिकेशन टेस्ट किया गया था, जिसमें पता चला था कि वह 18 वर्ष से ऊपर है. नयागढ़ की पोक्सो अदालत ने कथित तौर पर रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों को पूछताछ के लिए तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. इससे पहले, उड़ीसा उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी को अपहरण और हत्या मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी. न्यायमूर्ति बीआर षाड़ंगी और न्यायमूर्ति प्रमथ पटनायक की खंडपीठ ने मामले की जांच पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के बाद दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी. इस मामले पर विवाद होने के कारण ओडिशा सरकार ने उच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने का आदेश दिया था. इसके बाद एसआटी प्रमुख पर आरोपी को पांच लाख रुपये देने के आरोप भी लगे. अब यह एक नया मोड़ लोगों के सामने आया है.
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
