Home / Odisha / “किसान” धरा के प्रथम पुत्र को नमन…

“किसान” धरा के प्रथम पुत्र को नमन…

धरती के भगवान तुम्ही सीना चीर उगाते अन्न।
चारों ओर हरियाली फैले वसुंधरा होती सम्पन्न।।
गाय बैल ऊँट भैंसों की उदर पूर्ति करते हो।
अपना पेट पालकर अन्न गोदामों में भरते हो।।
कितनी बड़ी समस्या हो हल ही उसका हल होता।
तेरे हल से हल निकले इतना नैतिक बल होता।।
जंगल में मंगल करते जग के पालनहार तुम्ही।
सीता के सृजन कर्ता ममता के लालन हार तुम्ही।।
तुम्हें देखकर मेघ बरसते नैनों से नीर बहाते हैं।
वो बरसे ओ तूँ नाचे तब उमड़ घुमड़ बल खाते हैं।
सीमा पर लड़ते बेटे वो सीने पर गोली खाते हैं।
रूखी सूखी रोटी खाकर वीर धीर कहलाते हैं।।
तूँ धरती का धरती तेरी माँ बेटे सा प्यार सदा।
तपे दुपहरी नीला अम्बर मेहनत को तैयार सदा।।

धरा के प्रथम पुत्र को नमन…

किशन खंडेलवाल, भुवनेश्वर

Share this news

About desk

Check Also

राम नवमी पर राज्यपाल ने प्रभु श्रीराम का किया दर्शन

भुवनेश्वर। राज्यपाल डा हरिबाबू कंभमपति ने राम नवमी के पावन अवसर पर भुवनेश्वर के जनपथ …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *