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अघोषित मंदी ने दुकानदारों की चिंता बढ़ायी
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छोटे व्यापारियों के लिए भी पैकेज की मांग
शैलेश कुमार वर्मा, कटक
कोरोना का लाकडाउन और शटडाउन हटने के बाद भी आखिरकार खरीददार कहां चले गये हैं? यह सवाल कटक के बाजारों में छायी विरानी के कारण अघोषित मंदी से उठने लगी है. दुकानदार चिंतित हैं. दुकान के किराये से लेकर घर के खर्च अब संकट के घेरे में आ गया है. आमदनी अठन्नी भी नहीं रही और खर्च पहले से बढ़ गया है. छोटे व्यापारी से लेकर बड़े से बड़े व्यापारी तक परेशान नजर आ रहे हैं. हालात ऐसी बनती जा रही है कि दुकानदारों को चिंता सताने लगी है कि आने वाले दिनों में व्यापार का क्या हाल होगा. किराना दुकान हो या इलेक्ट्रिकल दुकान, श्रृंगार दुकान या स्टेशनरी दुकान, सभी के सभी दुकानदार अपनी दुकानदारी से इन दिनों काफी परेशान और चिंतित नजर आ रहे हैं. एक तरफ तो कोरोना का मार, दूसरी तरफ दुकानदारी नहीं होना. इससे लोगों के घरों का हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रही है. इस संदर्भ में कई दुकानदारों से बात हुई तो सभी ने एक ही बात बताया कि जहां प्रतिदिन पांच से दस हजार की बिक्री होती थी, वहां 500 की बिक्री नहीं हो रही है.
एक किराना दुकानदार ने बताया कि उसकी दुकान का किराया निकालना भी मुश्किल हो रहा है. पता नहीं ग्राहक कहां गायब हो गए हैं. इसी तरह कुछ कपड़े, कंबल और गर्म वस्त्र बिक्री करने वाले व्यापारी ने बताया कि ठंड के आस पर माल तो बहुत उठा लिया, लेकिन ठंड नहीं पड़ने के कारण ग्राहक दुकान में नहीं आ रहे हैं. इसी तरह रेहड़ी-पटरी पर व्यापार करने वाले दुकानदारो में भी काफी उदासी देखी जा रही है. उनका कहना है कि जहां सड़कों पर चहल-पहल दिखती थी, वहीं सड़कों पर इक्के-दुक्के लोग नजर आते हैं. ग्राहक नदारद हैं. ऐसे हालात में व्यापार करना बड़ा मुश्किल नजर आ रहा है. आखिर करें, तो करें क्या और घर परिवार की चिंता, किराए के मकान पर रहने वाले व्यापारी किराए देने के लिए चिंतित नजर आते हैं.