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ओडिशा में परी हत्या मामले में एसआईटी प्रमुख के जांच को लेकर उठा सवाल

  • एसआईटी लगाकर मंत्री अरुण साहू को सुरक्षा दे रही है राज्य सरकार – भाजपा

भुवनेश्वर. भारतीय जनता पार्टी ने परी हत्या की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी पर सवाल उठाया है. पार्टी ने कहा कि इस मामले की जांच अब दिशाहीन हो चुकी है. मामले की जांच कर रहे हैं एसआईटी प्रमुख अरुण बोथरा का परी के गांव जदुपुर जाकर एक युवक को दोष स्वीकार करने के लिए पांच लाख रुपये का लालच देने का प्रयास करना एक निंदनीय घटना है. ऐसे में अरुण बोथरा को इस जांच से हटाया जाना चाहिए. पार्टी के प्रदेश महामंत्री लेखाश्री सामंत सिंगार ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह मांग की. उन्होंने कहा कि जांच की आड़ में आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा ने एक युवक को दोष स्वीकार करने का लालच देकर मामले के मुख्य ही अपराधियों को बचाने का षड्यंत्र रचा है. इस मामले में राज्य सरकार एसआईटी को लगाकर राज्य सरकार के मंत्री अरुण साहू को सुरक्षा देने का प्रयास कर रही है. परी मामले की जांच को दिशाहीन करने के संबंध में साजिश की खुलासा होने के बाद अब अरुण बोथरा ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. ऐसे में अरुण बोथरा को इस पद से हटाया जाए. उन्होंने कहा कि परी हत्या मामले में अंग तस्करी रैकेट का हाथ होने के साथ-साथ में बीजद नेता भी शामिल है. यही कारण है कि परी हत्या मामले में मुख्य आरोपित बाबुल को सत्तारूढ़ मंत्री अरुण साहू सुरक्षा देते जा रहे हैं. इसी समान ढंग से एसआईटी को लगाकर राज्य सरकार भी अरुण साहू को सुरक्षा देने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि राज्य में पारदर्शी शासन है, ऐसे में अभी तक अरुण साहू को मंत्रिमंडल से बहिष्कार ना करना क्या उनकी पारदर्शिता को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी एसआईटी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट को लीक कर दिया गया था और हाईकोर्ट ने भी एसआईटी के कार्य पर संतोष व्यक्त किया है. ऐसी स्थिति में अरुण साहू को मंत्रिमंडल से हटाने सीबीआई जांच करने पर ही मिल सकता.

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