भुवनेश्वर. पांच साल की बच्ची परी के अपहरण और नृशंस हत्या के मामले में एक सनसनीखेज मोड़ आया है. ओडिशा अपराध शाखा की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किए गए अपने हलफनामे में आज उल्लेख किया है कि हत्या से पहले नाबालिग से पहले बलात्कार किया गया था. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, बताया गया है कि मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है. वह मृतक के मूल स्थान नयागढ़ जिले के जदुपुर गांव का निवासी है. एसआईटी ने अपने हलफनामे में कहा है कि हत्या का मकसद बलात्कार था. जांच में पता चला कि हत्या करने से पहले परी को नग्न कर दिया गया था. उसके कपड़ों से एकत्र किए गए नमूनों की पुष्टि की हुई है कि उसका बलात्कार किया गया था. एसआईटी ने सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है. महाधिवक्ता ने अदालत को मामले की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बारे में सूचित किया. कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है और याचिका पर अगली सुनवाई 24 दिसंबर को निर्धारित की है. अरुण बोथरा की अगुवाई वाली एसआईटी ने 2 दिसंबर को नायागढ़ जिले के जदुपुर में गांव के प्रमुख आरोपी बबुली नायक से पूछताछ कर अपनी जांच शुरू की. एसआईटी सदस्यों ने जिला पुलिस के साथ भी विचार-विमर्श किया था, जो इससे पहले मामले की जांच कर रही थी. पीड़िता के माता-पिता ने हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था. इसके बाद परी के अपहरण और उसके बाद हत्या से राज्यव्यापी आक्रोश फैल गया था. नयागढ़ जिले के जदुपुर गांव की पांच वर्षीय लड़की परी का इस साल 14 जुलाई को उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह अपने घर के बाहर खेल रही थी. इसके नौ दिन बाद उसके घर के पिछवाड़े से उसके कंकाल के अवशेष बरामद किए गए थे. उसकी हत्या के पीछे एक मानव अंग तस्करी सिंडिकेट की संलिप्तता का आरोप उठा है.
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