भुवनेश्वर. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने 23 दिसंबर से महाप्रभु श्री जगन्ना के मंदिर को फिर से खोलने की घोषणा करने के बाद अब राज्यभर के अन्य मंदिरों के सेवायतों ने सभी अन्य धार्मिक संस्थानों को खोलने की मांग की है. एसजेटीए ने राज्य सरकार से पुरी के निवासियों के लिए 23 दिसंबर से पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर और 3 जनवरी से बाहरी लोगों के लिए फिर से खोलने की सिफारिश की है. हालांकि भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर, राममंदिर, केंदुझर के घाटगन में तारिणी मंदिर, बांकी में देवी चरछिका मंदिर, कटक चंडी मंदिर समेत राज्यभर में कई अन्य मंदिरों को फिर से खोलने के बारे में कोई सूचना नहीं है. श्रीमंदिर के खुलने के बाद भक्तों को प्रसाद बेचकर अपनी दैनिक आय करने वाले छोटे-छोटे व्यापारी और पूजा-पाठ करने वाले पुजारी व सेवायत अन्य सभी धर्मस्थलों को फिर से खोलने के लिए सरकार के निर्णय के प्रति आशावादी हैं. लिंगराज मंदिर के सेवायतों ने मांग की कि मंदिर ट्रस्ट को इस मामले को लेकर बैठक बुलानी चाहिए और मंदिर खोलने लिए आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए, जैसा कि पुरी में श्रीमंदिर को खोलने के लिए मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है. खुर्दा जिला के जिलाधिकारी स्वयं लिंगराज मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष हैं. सेवायतों ने तुरंत एक बैठक बुलाने की मांग की है. लिंगराज मंदिर के बाड़ू नियोग के सचिव कमलाकांत बाड़ू ने कहा कि हम राज्य सरकार से इस संबंध में निर्णय लेने के लिए अनुरोध करते हैं. इसी तरह की मांग कटक चंडी मंदिर के सेवायतों ने भी की है. इस सदियों पुराने मंदिर के सेवायत ने कहा कि परिवार की आजीविका का एक मात्र माध्यम भक्तों का दान ही है. चूंकि मंदिर महीनों से बंद है, इसलिए उनकी आजीविका भी बहुत प्रभावित हुई है.
कटक चंडी मंदिर के सेवायत मनोज पंडा ने कहा कि मेरा परिवार पूरी तरह से भक्तों के दान पर निर्भर करता है, जो मंदिर बंद होने के कारण प्रभावित है. हमें सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह किसी भी तरह का भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने से परहेज करेगी. लेकिन, हम इस बात से सहमत हैं कि अन्य मंदिरों के लिए दिशानिर्देश अलग-अलग होंगे. हम सरकार के साथ सहयोग करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं. इसी तरह से भुवनेश्वर स्थित राम मंदिर को भी खोलने की मांग उठी है. हर मंदिरों के सेवायतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और मंदिरों को खोलने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है, ताकि उनके और मंदिरों से संबंधित व्यापारियों की आवीजिक सुचारू हो सके.