
राउरकेला. सरकार भले ही पारदर्शिता के लिए कानून पर कानून लाये, लेकिन चोर-उच्चके चोरी का रास्ता ढूंढ ही लेते हैं. अगर आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड है, तो इसे किसी को देते समय सावधान हो जाइए. कहीं ऐसा न हो जाये कि आपके नाम पर कोई फर्जी कंपनी बना दे. हाल ही में आयकर विभाग के छापे में एक ऐसा ही खुलासा हुआ कि दिहाड़ी मजदूरी करने वालों के नाम पर बनायी गयी 17 कंपनियों से 170 करोड़ रुपये की खरीद दिखायी गयी है. आयकर विभाग की टीम ने राउरकेला और आसपास के इस्पात उत्पादों के विनिर्माण और व्यापार में शामिल एक समूह के ठिकाने पर तलाशी अभियान चलाया. आयकर विभाग ने 3 दिसंबर 2020 <span “=””>को तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की. कहा गया है कि यह समूह पिछले दो वित्तीय वर्ष से 17 फर्जी कंपनियां बनाकर पैसों का हेर-फेर कर रहा था. इस अवधि में उसने लगभग 170 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. कार्रवाई के दौरान जिन लोगों के नाम पर 17 फर्जी कंपनियां बनाकर हेरा-फेरी की जा रही थी, उन लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके नाम पर इस तरह का कोई बिजनेस किया जा रहा है. यह भी देखा गया है कि इन कंपनियों के नाम पर बैंक खातों से नकदी भी निकाली गई है. खास बात यह है कि यह फर्जी कंपनियां दिहाड़ी मजदूरों और दूसरे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के नाम पर बनाई गई थी.
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