Home / Odisha / राष्ट्रीय प्रवासी ओड़िया परिवार के नए कार्यकर्ताओं का निर्वाचन, मीनकेतन सामल नये अध्यक्ष

राष्ट्रीय प्रवासी ओड़िया परिवार के नए कार्यकर्ताओं का निर्वाचन, मीनकेतन सामल नये अध्यक्ष

नई दिल्ली: राष्ट्रीय प्रवासी ओड़िया परिवार (आरपीओपी) का हाल ही में नए पदाधिकारियों का चुनाव सम्पन्न हुआ. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों के माध्यम से आयोजित चुनाव बहुत रोमांचक और रोचक था. मतदाताओं ने शत-प्रतिशत मतदान करके एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. आरपीओपी के सभी कार्यकारी सदस्य जिसको मतदान के अधिकार प्राप्त हैं, ने नई दिल्ली के त्यागराज नगर में श्री जगन्नाथ मंदिर के परिसर में सुभद्रा कला मंडप में बनाए गए मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया और बाकी सारे सदस्यों ने ऑनलाइन माध्यम से अपने वोट डाले. चुनाव मैदान में मौजूद 16 प्रतियोगियों के बीच हुआ घमासान लड़ाई में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को हराकर नौ पदाधिकारी चुने गए. मीनकेतन सामल राष्ट्रीय प्रवासी ओड़िया परिवार के नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए. पुष्पांजलि बारिक और रीता पात्र उपाध्यक्ष चुने गए. मीनकेतन मिश्रा परिवार के नये महासचिव और प्रवीण मोहंती संयोजक बने. अन्य चुने गए पदाधिकारियों में कोषाध्यक्ष के रूप में बसंत जेना, सह कोषाध्यक्ष के रूप में असित परिडा, दो संयुक्त सचिव पद के लिए संतोष राउत और सरिता महापात्र चुने गये हैं. सभी निर्वाचित पदाधिकारीयो का कार्यकाल दो साल के लिए होगा. चुनाव के परिणाम के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष मीनकेतन सामल ने घोषणा की कि वह और उनकी नई टीम आरपीओपी की मूल सिद्धांत, “एक ओड़िया श्रेष्ठ ओड़िया” को साकार करने के लिए पूरी तरह न्योछावर होंगे और परिवार के परिसर को विस्वस्तर पर पहुंचाएंगें. अधिवक्ता कृष्ण चंद्र नायक, अमिय नायक और सामाजिक कार्यकर्ता झूमझूम पाढ़ी  और विस्वजीत बारिक ने पूरी चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और स्वच्छ तरीके से संपन्न कराया.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली, एनसीआर के 50 से अधिक पंजीकृत गैर निवासी ओड़िया समाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी के साथ वर्ष 2016 में राष्ट्रीय प्रबासी ओड़िया परिवार की स्थापना हुई. परिवार ने ओड़िशा के बाहर अपने राज्य की कला, संस्कृति, परंपरा, लोकाचार, भाषा, साहित्य, शिक्षा, पोशाक, पर्यटन, त्योहार ओर भोजन आदि को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने में अपने आपको समर्पित किया है. विशेष रूप से संस्था दिल्ली ऒर राष्ट्रीय राजधानी  क्षेत्र में रहने वाले और गैरनिवासी ओड़िया लोगों के बीच शांति, मैत्रि, प्रीति और एकता स्थापित करने में जुटी हुई है.  अपनी बिरादरी के भाई-बहनों को मातृप्रदेश ओडिशा के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध करना परिवार की सर्वोत्तम प्राथमिकता रही है. संकट में फसे ओड़िया लोगों की मदद करने के लिए संगठन सदा समर्पित है. विशेष रूप से आरपीओपी के स्वयं सेवक साम्प्रतिक गंभीर महामारी के आपदा काल मे राजधानी  दिल्ली में कोविद  मरीजों को हस्पतालों को लेना और दाखिला करना,  उनका ख्याल रखना, गरीब और बेरोजगार मजदूर लोगों के पास  राहत सामग्री पहुँचाना और कोरोना पीड़ित परिवारों को सांत्वना और सहायता प्रदान करना जैसे मानवीय योगदान  काफी सराहनीय रहा है.

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *