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परी मामला – नेताओं की नाराजगी के बाद कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बोला हमला

  •  बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर नवीन पटनायक से इस्तीफे की मांग

  •  मुख्यमंत्री पर जमकर बरसे ओपीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक

भुवनेश्वर. परी हत्या मामले में पार्टी के रूख से नेताओं की नाराजगी के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला है. ओडिशा कांग्रेस इकाई ने मंगलवार को बिगड़ते कानून के खिलाफ राज्य सरकार से स्थिति को लेकर जवाब देने को कहा है. ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने आज आरोप लगाया कि यदि ओडिशा विधानसभा की सुरक्षा में गंभीर खामियां देखी जा रही हैं, तो राज्य में लोग कैसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं. पटनायक ने राज्य विधानसभा के सामने आत्महत्या करने की कोशिशों की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि सरकार और खासकर पुलिस की खुफिया शाखा लगभग ध्वस्त हो गई है, जिसके लिए इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अध्यक्ष की है. उन्होंने कहा कि विधानसभा के सामने चार बार आत्महत्या के प्रयास हुए, लेकिन खुफिया जानकारी जुटाने में सरकार विफल रही है. उन्होंने कहा कि पुरी में हिरासत में हुई मौत, कटक में आईआईएफएल की लूट या बच्चों के लापता होने का मुद्दा है, कानून व्यवस्था की विफलता को उजागर कर रहे हैं. ओडिशा में लोग सुरक्षित नहीं हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है. इसलिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. पटनायक ने कहा कि भुवनेश्वर सामूहिक बलात्कार मामले में डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से उच्च न्यायालय के सामने पेश होना पड़ा था, जिसने इस मामले में जांच संतोषजनक नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की, अतिरिक्त डीजी को नोटिस जारी किए गए हैं. परी की घटना के बाद चार महीने बाद भी बदमाशों को पकड़ने में पुलिस नाकाम रही. मैंने व्यक्तिगत रूप से महसूस किया है कि मंत्री अरुण साहू हत्या के मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं हो सकते हैं, लेकिन आरोपियों को बचा सकते हैं, क्योंकि यह आरोप लगाया जा रहा है. पटनायक ने कहा कि हम आरोपों को लेकर संबित पात्र से माफी मांगने का आग्रह करते हैं, अन्यथा कांग्रेस उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगी और मानहानि का मुकदमा दायर करेगी. इससे पहले सोमवार को पात्र ने परी मामले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर चुप्पी का आरोप लगाया था और कांग्रेस पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा कि वे हाथरस गये, लेकिन ओडिशा नहीं आये. ओडिशा ईकाई चुप है. खबरों के अनुसार उन्होंने कहा कि ओडिशा में एक नाबालिग लड़की को प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया. राहुल गांधी से मैं पूछना चाहता हूं कि ओडिशा के नौ कांग्रेस विधायकों ने चुप रहने के लिए बीजद से कितने पैसे लिये हैं.

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