भुवनेश्वर. राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है. पुलिस हिरासत में लोगों की हत्या कर दी जा रही है. दो दो स्थानों से हिरासत में मौत की घटना सामने आने के बाद राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति कैसी है, यह स्पष्ट हो चुका है. ऐसे में राज्य की खराब कानून व्यवस्था को ध्यान में रख कर सदन में सभी प्रकार के निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर मोसन के जरिए कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा कराई जाए. प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने शनिवार को विधानसभा में यह मांग की. नायक ने कहा कि पुरी की घटना में पुलिस ने हत्या करने के बाद मृतक के परिवार को उनका स्थान तक नहीं किया. इसी से स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस किस ढंग से कार्य कर रही है. अब राज्य सरकार पुरी के आरक्षी अधीक्षक को हटा दिया है और उनका तबादला कर दिया गया है. तबादला किया जाना कोई दंड नहीं है. जिसके इशारे पर यह हत्या की गई है उसको हटाने भर से काम नहीं चलेगा. उनके खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी है. ऐसे में इस मामले की को लेकर मोसन के जरिए विस्तार से चर्चा हो यह भाजपा मांग करती है. कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा में समय कम मिलेगा. इसलिए मोसन के जरिये इस बात पर चर्चा कराई जाए.
उधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा कि ओडिशा में जंगलराज है. कानून का शासन नहीं दिख रहा है. पुलिस लोगों को मार रही है. यही कारण है कि शुक्रवार को विपक्ष ने सदन को चलने नहीं दिया था. लोगों के पास जीने का अधिकार है. लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. लेकिन राज्य में इस मामले में सरकार विफल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि पुरी हत्या मामले में पुलिस ने मृतक का सब परिवार को नहीं दिया. शव का भी सम्मान होता है. लेकिन पूरी में यह नहीं हुआ है. इस कारण वहां के आरक्षी अधीक्षक के खिलाफ ऐसा कार्रवाई किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसा करने के लिए कोई साहस नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सदन में राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर किया गया है और क्या करने की योजना है, इस बारे में बयान दें. ओडिशा में अपराध की दर सबसे ज्यादा है राज्य में मानव अधिकार का पद खाली है. कांग्रसे विधायक ताराप्रसाद वाहिनी पति, संतोष सिंह सालुजा व विपक्ष के उप नेता विष्णु सेठी ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार को कठघरे में खडा किया.