भुवनेश्वर. राजधानी क्षेत्र स्थित एकाम्रकानन फॉर्म की जमीन का हस्तनांतरण रूक गया है. इसे यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश जारी किया गया है. राज्य सरकार राजधानी क्षेत्र में स्थित फॉर्म की 20 एकड़ कीमती जमीन को सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपने की तैयारी में थी. एक पत्र में बागवानी निदेशालय ने मंगलवार को उद्यान के सहायक निदेशक को पार्क भूमि की यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है. यह निर्देश विपक्षी दलों के विरोध के परिणामस्वरूप आया है. विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर इस जमीन के हस्तनांतरण के मामले को लेकर जमकर घेरा था. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि व्यवसायी करण के चक्कर में राजधानी शहर में वन क्षेत्रों को नष्ट करने की कोशिश कर रही है. इससे पहले बागवानी के राज्य निदेशालय, कृषी भवन ने बागवानी के सहायक निदेशक, एकाम्रकानन फॉर्म को एक पत्र लिखा था और भूमि को सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपने का निर्देश दिया था. इस पत्र में कहा गया था कि एकाम्रकानन फॉर्म की जमीन पर बने भवन को छोड़कर रिक्त जमीन को जीए एंड पीजी विभाग को हस्तनांतरित किया जायेगा. इसके बाद राज्य में विपक्षी पार्टियां, कांग्रेस और भाजपा ने इस जमीन के हस्तनांतरण का पुरजोर विरोध किया.
कांग्रेस विधायक सुरेश राउतराय ने राज्य सरकार के इस कदम की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस पार्क को नष्ट करने की सरकार की साजिश को सफल नहीं होने देगी. उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने पिछले 20 वर्षों में खेत के विकास के लिए कोई उपाय नहीं किया है. अब पार्क को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है. कांग्रेस विधायक ने पहले सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी और कहा था कि व्यावसायिक इमारतों के निर्माण के बजाय, ओडिशा सरकार को पार्क में सौंदर्यीकरण के काम करने चाहिए. राज्य भाजपा के महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन भी राज्य सरकार पर भारी पड़े और उन्होंने शहर की हरित भूमि से संबंधित 20 एकड़ भूमि को सरेंडर करने के निर्देश के पीछे कारण पूछा था. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार की इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जायेगा.