भुवनेश्वर. मजहब परिवर्तन करने के बाद भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को पूर्व की तरह आरक्षण व अन्य सरकारी सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं. इससे मूल जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है. मतांतरित लोग उनके हक को मार रहे हैं. ऐसे में मतांतरित लोगों को अनुसूचित जनजाति वर्ग से बाहर किये जाने के साथ-साथ उनको मिलने वाली आरक्षण व अन्य सुविधाएं तत्काल समाप्त करने की दिशा में कदम उठाया जाए. जनजाति वर्ग को लेकर काम करने वाली ओडिशा जनजाति मंच के प्रतिनिधियों ने खुर्दा व कटक में जिलाधिकारी से मिलकर इस संबंध में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. कटक में विनय कुमार भुइयां, ज्ञानचंद नाहार, महीर बाबू, विश्वमित्र महांत व जनजातीय नेता रामचंद्र मुर्मू ने कटक में तथा सुषम देहुरी, विजय मोहंती, सौम्यरंजन साहू व बुधिराम सिंह ने खुर्दा में जिलाधिकारी से मिल कर इस आशय का ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में कहा गया है कि मतांतरित होकर जनजातीय परंपरा संस्कृति को छोड़ चुके लोगों को जनजातीय सूची से बाहर करने तथा उन्हें आरक्षण की सुविधा से वंचित करने की मांग लगातार पिछले 50 सालों से हो रही है. इसके बाद भी इस पर कानून न बनाना जनजातीय समाज के प्रति अन्याय है. अतः उनकी मांगों को तत्काल स्वीकार कर इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाए.
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