प्रमोद कुमार पृष्टि, पुरी
महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर के और आठ दरवाजों पर चांदी की पर चढ़ायी जायेगी. इसके लिए लगभग 2.5 टन चांदी की आवश्यकता होगी. महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक प्रशासक अजय कुमार जेना के नेतृत्व में कल यहां हुई. इस दौरान मंदिर में दरवाजों पर चांदी के आवरण के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. बताया गया है कि महालक्ष्मी मंदिर, माँ बिमला मंदिर, आदि नरसिंह मंदिर, सता पहचा, भोग मंडप, बेहरण द्वार, जयविजय द्वार और कलाहाटर द्वार के आठ दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ायी जायेगी. इसके लिए लगभग 2.5 टन चांदी की आवश्यकता होगी. हालांकि पहले से ही तीन मंदिरों पर चांदी का लेप चढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया है. बैठक में अधिकारियों और वरिष्ठ सेवायतों ने डिजाइन, निर्माण स्थल और क्या अधिक फाटकों पर भविष्य में चांदी की परत चढ़ायी जायेगी, जैसे मामलों पर चर्चा की. दइतापति नियोग के सचिव दुर्गाप्रसाद दास महापात्र ने बताया कि जयविजय द्वार, कलाहाट द्वार और बेहराणा द्वार पर प्राथमिकता रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि नीलाद्री भक्त निवास के परिसर में सिल्वर क्लैडिंग का काम किया जाएगा. हम सत पहचा द्वार से शुरुआत करेंगे, ताकि अगर कोई तकनीकी समस्या हो तो अन्य गेटों को बंद करने से पहले सावधानी बरती जा सकती है. रथयात्रा अवधि के दौरान कलाहट द्वार, जयाविजय द्वार और बेहराणा द्वार पर चांदी की चढ़ाई जाएगी.