
भुवनेश्वर. ओडिशा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, प्रख्यात लेखक शरत कुमार कर का सोमवार को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. बताया जाता है कि वह कोरोना पाजिटिव हो गये थे. उनका इलाज चल रहा था. ट्विटर पर उनके निधन की पुष्टि करते हुए उनके पोते अंशुमान कर ने कहा कि पूर्व विधायक एक योद्धा की तरह लड़े. पांच सितंबर 1939 को ओडिशा के कटक जिले में जन्मे शरत ने 1964 में प्रतिष्ठित इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया. इस डिग्री को पूरा करने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया. साल 2000–04, 1990–95 और 1971–74 में महांगा से ओडिशा विधानसभा सदस्य चुने गये. बताया जाता है कि वह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे.
शरत ने चार काव्य पुस्तकें (द्रुत बिलम्बिता, मंथन, रोमान्तन और अनन्या), एक लंबी कथा (समयात्र जेते धू), एक आध्यात्मिक पुस्तक और ओडिया में साहित्यिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक विषयों पर समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में सैकड़ों लेख लिखे हैं.
वह राजनीति और संस्कृति पर एक प्रखर वक्ता थे. भगवान जगन्नाथ के एक महान भक्त, जो लगभग 45 वर्षों से ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और निजी टीवी चैनलों पर रथयात्रा पर कमेंट्री कर रहे थे.
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